नींद नहीं चैन, बिजली ने किया बेचैन
धनबाद : पिछले डेढ़ महीने से शहर में बिजली संकट ने लाइलाज बीमारी का रूप ले लिया है। इस व्यवस्था क
धनबाद : पिछले डेढ़ महीने से शहर में बिजली संकट ने लाइलाज बीमारी का रूप ले लिया है। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के जिम्मेदार लोग चुप्पी साधे हुए हैं। ना तो जनप्रतिनिधियों को इसकी फिक्र है और ना ही सरकार की ओर से कोई पहल की जा रही है। इन सबके बीच जनता पिस रही है।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोयला नगरी में डीवीसी कोयला की कमी का रोना रो रहा है और अंधेर नगरी में चौपट व्यवस्था की पोल खुल रही है। रविवार को भी डीवीसी ने बारी-बारी से सभी फीडरों को लोड शेडिंग के नाम पर बंद कर घंटों बिजली कटौती की। डीवीसी की लोड शेडिंग सुबह से ही शुरू हो गई थी। रविवार की सुबह 4:15 बजे डीवीसी ने गोधर वन टू तथा गणेशपुर वन टू फीडर की लाइन दो घंटे के लिए बंद कर दिया। इसके बाद शाम को तीन बजे से चार बजे तक गोधर वन गोधर टू तथा गणेशपुर फीडर की लाइन बंद किया गया।
इसके बाद आमाघाट पाथरडीह फीडर में 6:30 बजे से 9:30 बजे तक बिजली काटी गई। सुबह से डीवीसी तीन बार लोड शेडिंग के नाम पर छह घंटे बिजली काट चुका है। लोड शेडिंग के बाद जब बिजली लौटी तो बिजली ट्रिप करने का खेल शुरू हुआ, जिसमें मरम्मत के नाम पर तकरीबन दो से ढाई घंटे बिजली कटी। कुल मिलाकर प्रत्येक दिन आठ नौ घंटे तक बिजली प्रत्येक दिन कट रही है। मालूम हो कि शनिवार को भी डीवीसी ने धनबाद वन तथा टू फीडर को सुबह 06 बजे से दिन में 08 बजे तक काट दिया था।
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आज फिर बैंकमोड़ इलाके में नहीं रहेगी बिजली
धनबाद : डीवीसी के लोड शेडिंग से परेशान आम जनता को बिजली कटौती से सोमवार को भी राहत नहीं मिलने वाली है। बिजली विभाग मरम्मत के नाम पर बिजली काटने की तैयारी में जुटी है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को बैंकमोड़ फीडर की 11 केवी लाइन सुबह सात बजे से दिन के 11 बजे तक बंद रहेगा। इस बीच विभाग मरम्मत कार्य करेगी। मालूम हो कि उपरोक्त फीडर से बैंकमोड़, विकास नगर, झरिया रोड, पंजाबी मुहल्ला, मटकुरिया, मिठाई गल्ली आदि इलाकों में बिजली आपूर्ति होती है, पर मरम्मत कार्य को लेकर सोमवार को सुबह सात बजे से पांच घंटे बिजली गुल रहेगी।
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कर्मियों को तार मरम्मत करने से रोका
भूली : भूली बस्ती के रवानी टोला में रविवार की देर शाम 11 हजार वोल्ट के विद्युत तार की चपेट में आने से पूरन रवानी के दुधारू भैंस की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने विधुत विभाग के कर्मियों को तार मरम्मत करने से रोक दिया। ग्रामीण भैंस की मौत पर विभाग से मुवावजा की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि विभाग द्वारा जहां- तहां 11 हजार वोल्ट के तार बिछा दिए गए हैं, पर सुरक्षा की लिहाज से कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है। पहले भी कई बार इस तरह की दुर्घटना हो चुकी है पर विभाग मौन है। दर्जनों ग्रामीण मुआवजा की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।