सुबह प्रण लीजिए, रात को कीजिए समीक्षा
धनबाद : प्रत्येक व्यक्ति रोज सुबह उठकर संकल्प ले कि आज वह अपना काम ईमानदारी से करे और रात
धनबाद : प्रत्येक व्यक्ति रोज सुबह उठकर संकल्प ले कि आज वह अपना काम ईमानदारी से करे और रात को सोने के समय समीक्षा करे कि काम ईमानदारी से किया या नहीं, तभी हम ट्रांसफॉर्मिग इंडिया को परिभाषित कर पाएंगे। उक्त बातें आइआइटी आइएसएम के प्रो. प्रमोद पाठक ने कहीं। प्रो. पाठक एन डब्ल्यू डी एस व टोकेन रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ओर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि केवल तकनीक से भारत बदल गया है ऐसा नहीं है। तकनीक और आइटी के क्षेत्र में भारत काफी आगे आया है, पर अभी भी इस क्षेत्र में बहुत काम बाकी है। ट्रांसफॉर्मिग सही मायने में तभी कारगर होगा, जब छोटे-छोटे कस्बों से विचार निकल कर बाहर आएगा। डा. केतन कुमार ने कहा कि एक किसान जब बड़े औद्योगिक घरानों के साथ बैठने लायक हो जाएगा, तभी माना जाएगा कि वास्तव में भारत तरक्की कर रहा है। कार्यक्रम को सउदी अरब विश्वविद्यालय के डा. ओसामह हुसैन रवाशदेह ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। वहीं, तिलका मांझी विवि भागलपुर के डा. डीएन साह ने कहा कि पहले विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए नेट पास करना पड़ता था, लेकिन अब उसे सेकेंडरी करते हुए पीएचडी को प्राथमिकता दी जा रही है, जो शैक्षणिक लिहाज से सही नहीं है। इस दौरान एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।