सीएमपीएफ घोटाले में 15 कर्मियों पर गिरी गाज
कोल माइंस भविष्य निधि संगठन में गलत कागजात देकर 90 फीसद राशि निकासी करने के मामले में सीएमपीएफ विजिलेंस ने दोषी पाए जाने के बाद 18 कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की है।
आशीष अंबष्ठ, धनबाद : कोल माइंस भविष्य निधि संगठन में गलत कागजात देकर 90 फीसद राशि निकासी करने के मामले में सीएमपीएफ विजिलेंस ने दोषी पाए जाने के बाद 18 कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की है। इन कर्मचारियों का एक से लेकर सात साल तक इंक्रीमेंट काट दिया गया है। 18 में तीन कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए है। बताया जाता है कि इस मामले में दो रिजनल आयुक्त एच पाठक व पीके सेनगुप्ता के विरुद्ध जांच अब तक पूरी नहीं हुई है। इसकी जांच मंत्रालय स्तर की विजिलेंस टीम कर रही है।
दोषी कर्मचारियों पर चार साल से लेकर छह साल तक संवेदनशील पदों पर काम करने से भी रोक लगा दिया है। प्रबंधन की इस कार्रवाई से कर्मचारियों को नौकरी की अवधि तक एक लाख से लेकर दस लाख तक का नुकसान उठाना पड़ेगा। जिनका एक साल है उन्हें एक इंक्रीमेंट की कटौती होगी और जिनका सात साल नौकरी बची है, उन्हें सात से दस लाख तक का नुकसान होगा।
इन कर्मचारियों पर कार्रवाई :
आरके दास, चंद्र भूषण प्रसाद, अजय कुमार, विकास कुमार, अजय सिन्हा, चंद्र भूषण, सुनील पाठक, भक्ति नाथ मिश्रा, शशि पाठक, दिवेश कुमार, नीरज कुमार वर्मा, शशि प्रभा तिर्की आदि।
यह था मामला : सेवानिवृत्ति की उम्र एक साल शेष बताकर दस्तावेज में हेराफेरी कर 297 कर्मचारियों ने पीएफ की 90 फीसद राशि समय से पहले ही निकाल ली थी, जबकि नौकरी की अवधि लंबी थी । 303 फाइलों की जांच हुई जिसमें 297 ऐसे मामले सामने आए। करीब 21 करोड़ की राशि निकासी की गई थी।
कहां के कितने मामले :
लोदना 209,
वेर्स्टन झरिया11
इस्टर्न झरिया 02
बस्ताकोला 75
विजिलेंस जांच में कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। मामला गलत कागजात के आधार पर 90 फीसद राशि निकासी का था।
- अनिमेष भारती, आयुक्त सीएमपीएफ।