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Dhanbad: सैटेलाइट मैपिंग में गायब हुए एक दर्जन गांव, 12 पंचायतों के लोगों को नहीं मिल रहा PM आवास योजना का लाभ

Pradhan Mantri Awas Yojna-धनबाद सदर प्रखंड के 12 पंचायतों के लोगों का अपना घर होने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। तकनीकी और अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोग प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sun, 29 Jan 2023 10:29 AM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 10:29 AM (IST)
Dhanbad: सैटेलाइट मैपिंग में गायब हुए एक दर्जन गांव, 12 पंचायतों के लोगों को नहीं मिल रहा PM आवास योजना का लाभ
सैटेलाइट मैपिंग में धनबाद के दर्जन भर गांव गायब

अजय कुमार पांडेय, धनबाद। धनबाद सदर प्रखंड के 12 पंचायतों के लोगों को आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। लोगों का कहना है कि उन्होंने योजना के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से इस इलाके की सैटेलाइट मैपिंग में कहीं कोई जिक्र ही नहीं है।

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अधिकारियों की लापरवाही और तकनीकि कमी के कारण धनबाद सदर प्रखंड के सभी 12 पंचायतों के लोगों का अपना घर होने का सपना आज तक हकीकत में नहीं बदल पा रहा है। सैटेलाइट मैपिंग नहीं होने के कारण जियो टैगिंग में परेशानी आ रही है। इसका आसान हल अधिकारियों ने योजना को लंबित रखकर निकाला है।

धोखरा पंचायत के देवान टोला के रहने वाले मदन महतो कहते हैं कि उन्होंने साल 2019 में ही इस योजना के तहत आवेदन प्रखंड कार्यालय में जमा कराया था लेकिन लाभ आज तक नहीं मिल पाया। वहीं, बनिया टोला के रहने वाले शिवनाथ कर्मकार ने बताया कि 'सरकार आपके द्वार कार्यक्रम' के तहत 2021 में ही उन्होंने अपने आवास के लिए आवेदन किया था। आज तक कोई कार्रवाई नहीं होता देख उन्होंने अधिकारियों से कारण जानना चाहा।

शिवनाथ कर्मकार ने कहा कि उन्हें बताया गया कि इस योजना के लिए बने पोर्टल में जियो टैगिंग नहीं हो पा रही है। प्रखंड विकास पदाधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार ने भी इस परेशानी को स्वीकार किया और कहा कि पीएम पोर्टल में ही धनबाद सदर प्रखंड के किसी भी पंचायत की जियो टैगिंग नहीं हो पा रही है। इसलिए लाभुकों के आवेदन को अपलोड नहीं किया जा सकता है। इसमें सुधार के लिए एनआइसी के अलावा अन्य संबंधित विभाग को कई बार पत्र लिखा गया। आज तक कुछ नहीं हुआ।

सुधार के लिए ग्रामीण विकास को लिखा गया

उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश ने कहा कि साल 2019 के उत्तरार्द्ध से ही यह स्थिति बनी हुई है। राज्य मुख्यालय से एक दर्जन बार पत्राचार किया जा चुका है। इसमें सुधार की सुविधा उनके पास नहीं होने की बात कही जा रही है। इसमें सुधार के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग को लिखा गया है।

दिल्ली से होती है पोर्टल की देखरेख

एनआइसी के अधिकारी कहते हैं कि पीएम आवास से जुड़े पोर्टल की देखरेख नई दिल्ली से होती है। वहीं, बैठे लोग इस बारे में कुछ कर सकते हैं। उनको पत्र लिख कर सुधार करने का अनुरोध किया गया है।


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