Move to Jagran APP

बीड़ी से सुलग रही चूल्हे की आग

लॉकडाउन के चलते कई लोगों की रोजगार छिन गई तो कई के पास खाने के लाले पड़ गए लेकिन डूमरथर गांव के दलित टोला का चूल्हा इन दिनों बीड़ी से सुलग रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 07:02 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:22 AM (IST)
बीड़ी से सुलग रही चूल्हे की आग
बीड़ी से सुलग रही चूल्हे की आग

देवघर : लॉकडाउन के चलते कई लोगों की रोजगार छिन गई तो कई के पास खाने के लाले पड़ गए, लेकिन डूमरथर गांव के दलित टोला का चूल्हा इन दिनों बीड़ी से सुलग रही है। इस टोले के अधिसंख्य ग्रामीण देवघर आकर मजदूरी करते हैं। क्योंकि देवघर में अभी भी लॉकडाउन का असर है इसलिए यहां के अधिसंख्य ग्रामीण गांव छोड़कर नहीं निकल रहे हैं। घर के पुरुष सदस्यों के काम पर नहीं जाने के कारण घर चलाने में परेशानी हो रही है। ऐसे में घर की महिलाएं बीड़ी बनाकर रोजना 30 रुपये या इससे कुछ अधिक रुपये की कमाई करती हैं। गांव की एक महिला रंजू कहती है कि जनधन से 500 रुपये, राशन दुकान से 10 किलो चावल मिला है। पति के काम पर नहीं जाने की वजह से घर चलाने में परेशानी हो रही है। ऐसे में बीड़ी बनाकर रोजाना 30 से 40 रुपये की कमाई से किसी तरह से घर का चौका-चूल्हा चल रहा है। गांव की शर्मिला देवी, कविता देवी समेत कई महिलाएं बीड़ी बनाकर प्रतिदिन कुछ-न-कुछ कमा रही हैं। महिलाओं ने कहा कि कच्चा माल व बीड़ी पत्ता ठीकेदार पहुंचा जाता है और तैयार बीड़ी ले जाता है। गांव के अकलू दास देवघर में राजमिस्त्री के साथ मजदूर का काम करते हैं। हालांकि राजमिस्त्री को अभी काम नहीं मिल रहा है इसलिए वह भी बैठा है। इस गांव के अधिसंख्य लोग देवघर जाकर मजदूरी करते हैं। इक्का-दुक्का ही प्रदेशों में पलायन किया है। पूछने पर कहा कि वे लोग इस लॉकडाउन में भी गांव नहीं लौटे हैं। मनरेगा से गांव में भी कोई काम की शुरुआत नहीं हुई है।

loksabha election banner

रामेश्वर दास ने कहा कि काम ढूंढ रहे हैं पर मिल नहीं रहा है। कहा कि जीवन के 50 बसंत काट चुके हैं लेकिन ऐसी हालत भी होगी सोचे नहीं थे। कमोबेश यही स्थिति रोहिणी के समीप स्थित गौराडीह समेत आसपास के कई गांवों की भी है जहां की दलित महिलाएं बीड़ी बनाती हैं और कुछेक रुपये कमा कर तंगी हाल में घर को चला रही हैं।

ग्रामीणों को चाहिए सिचाई की मुकम्मल सुविधा : देवघर-दुमका पथ पर चोपामोड़ से ठीक पहले बसा है डूमरथर गांव। देवघर टावर चौक से करीब सात किलोमीटर दूर है। मुख्य पथ से सटकर गांव तक जाती है पीसीसी सड़क। गांव तीन टोला में बंटा और यही पीसीसी सड़क आगे बढ़ने पर अलग-अलग टोलों तक ले जाती है। पहला टोला है दलितों की बस्ती दास टोला। दूसरा राउत और तीसरा यादव टोला है। डूमरथर गांव दहीजोर पंचायत का हिस्सा है। भागीरथ प्रसाद राउत यहां के मुखिया हैं। गांव के मुहाने पर ही लगा है। शौच मुक्त गांव डूमरथर का बोर्ड, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है। हालांकि अधिसंख्य घरों के सामने सरकार के स्तर से बनाया गया शौचालय जरूर दिख जाता है। गांव के ग्रामीण पीएम आवास, उज्ज्वला गैस कनेक्शन और बिजली से भी संपन्न हैं। कुछेक ग्रामीणों की शिकायत है कि उन्हें पीएम आवास नहीं मिला है। अगर गांव में कमी है तो सिचाई सुविधा की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.