टेक्नीशियन के भरोसे चल रहा अल्ट्रासाउंड विभाग, मरीजों को परेशानी
सरकारी दर के अनुसार यहां अल्ट्रासाउंड कराने के एवज में केवल 180 रुपये ही शुल्क के तौर पर लिया जाता है
जागरण संवाददाता, देवघर : सदर अस्पताल का अल्ट्रासाउंड विभाग टेक्नीशियन के भरोसे ही संचालित किया जा रहा है। यहां प्रतिदिन लगभग 35-40 मरीजों का आते हैं। सरकारी दर के अनुसार यहां अल्ट्रासाउंड कराने के एवज में केवल 180 रुपये ही शुल्क के तौर पर लिया जाता है जबकि निजी लैब में एक मरीज को 700-800 रुपये तक खर्च करना पड़ता है, लेकिन डॉक्टर के नहीं होने की वजह से मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं टेक्नीशियन को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सदर अस्पताल में अधिकतर गर्भवती महिलाएं ही अल्ट्रासाउंड कराने यहां पहुंचती हैं। सुबह से ही विभाग के बाहर महिलाओं की भीड़ देखी जाती है। हालांकि यहां मशीन की क्षमता के अनुसार केवल 20-25 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इन महिलाओं का अल्ट्रासाउंड तो कर दिया जाता है लेकिन रिपोर्ट नहीं मिल पाती। ऐसे में मरीजों को केवल उनके इलाज की पर्ची पर ही रिपोर्ट का सार लिखकर दे दिया जाता है। हालांकि नियमत: टेक्नीशियन को केवल अल्ट्रासाउंड करने का अधिकार है। रिपोर्ट केवल चिकित्सक ही दे सकता है। बताया जाता है कि सदर अस्पताल में पदस्थापित एकमात्र चिकित्सक व्यक्तिगत कारणों से दो साल की लंबी छुट्टी पर चले गए हैं।
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अस्पताल में इलाज कराने आनेवाली महिलाओं को अल्ट्रासाउंड को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसीलिए चिकित्सक के लंबी छुट्टी पर चले जाने की वजह से टेक्नीशियन के मदद ली जा रही है। चिकित्सक के वापस आने के बाद या वैकल्पिक व्यवस्था होने तक टेक्नीशियन से ही काम चलाया जा रहा है।
डॉ. विजय कुमार, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल