संताल परगना में बनेगा सूबे का दूसरा कृषि विवि
देवघर : जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किमी दूर मोहनपुर प्रखंड के बैजनडीह में बुधवार को रवीं
देवघर : जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किमी दूर मोहनपुर प्रखंड के बैजनडीह में बुधवार को रवींद्रनाथ टैगोर कृषि महाविद्यालय का शुभारंभ हुआ। सूबे के कृषि रणधीर ¨सह, सांसद निशिकांत दूबे, विधायक नारायण दास व बिरसा कृषि विवि के कुलपति पर¨मद्र कौशल ने महाविद्यालय का उद्घाटन किया।
समारोह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि संताल परगना की 80 प्रतिशत आबादी कृषि व पशुपालन से जुड़ी है। इसलिए आज का दिन ऐतिहासिक है कि देवघर व गोड्डा में कृषि कॉलेज का उद्घाटन हो रहा है। यह स्थानीय सांसद के सकारात्मक सोच व प्रयास का परिणाम है। सूबे में सात कृषि कॉलेज प्रस्तावित हैं, जिनके लिए 175 करोड़ का बजट है लेकिन अभी राशि की कमी के कारण केवल 72 करोड़ ही दिया जा सका है। इसके चलते प्रथम चरण में देवघर सहित तीन कॉलेज का शुभारंभ हो रहा है। मंत्री ने कहा कि झारखंड के दूसरे कृषि विवि का शिलान्यास शीघ्र ही संताल परगना में किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने राशि व स्वीकृति दे दी है। राज्य के 24 जिलों में 24 कृषि विज्ञान केंद्र के अलावा 12 कृषि विज्ञान केंद्र और बनेगा। जबकि पालोजोरी में कृषि अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाएगी। मधुमक्खी पालन के लिए कैबिनेट में सौ करोड़ की मंजूरी मिल गई है। प्रशिक्षण प्राप्त किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी पर राशि उपलब्ध कराई जाएगी। संताल परगना के 4500 सहित पूरे राज्य में 12500 किसानों को इससे जोड़ा जाएगा। इसका शुभारंभ जामा से किया जाएगा। संताल परगना को दुग्ध उत्पादन का हब बनाया जाएगा। वहीं जिन पैक्सों में गोदाम की व्यवस्था नहीं है, वहां गोदाम की व्यवस्था की जाएगी। एक को छोड़कर संताल के सभी प्रखंडों को सुखाड़ घोषित कर दिया गया है। जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं कराया है उन्हें भी राहत के तौर पर चार हजार दिया जाएगा।
भूतनाथ के अगुवाई में नहीं मिलेगी नौकरी
सांसद निशिकांत दूबे ने कहा कि कृषि महाविद्यालय के लिए 80 एकड़ बंदोबस्त की जमीन है और ग्रामीणों का जब तक नेतृत्व पूर्व जिला परिषद सदस्य भूतनाथ यादव करते रहेंगे एक भी ग्रामीण का नौकरी या अन्य लाभ नहीं मिलेगा। मोहनपुर में ऐसे अनेक नेता हैं, जिनका काम ही है विकास को अवरुद्ध करना। भूतनाथ यादव भी ऐसे ही नेता हैं। पूर्व में रिखिया में ही हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन ऐसे नेताओं के विरोध के कारण इसे बदलना पड़ा। अगर ग्रामीण भूतनाथ से अलग प्रशासन के समक्ष अपनी मांग रखें तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सांसद ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि इस कॉलेज में लड़कों के अनुरूप लड़कियों की संख्या ज्यादा है, यानी लड़कियां भी कृषि जैसे व्यवसाय में आ रही है। सांसद निधि से कैफेटेरिया व एंबुलेंस देने का आश्वासन दिया और कहा कि कॉलेज प्रशासन किताबों की सूची दे, पुस्तक मेला से उन किताबों की खरीदारी यहां के पुस्तकालय के लिए कराई जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस आउट पोस्ट के लिए एसपी से बात करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां के छात्रों पर झारखंड व देश से ज्यादा संताल परगना को संवारने की महती जिम्मेदारी है, क्योंकि यहां या तो बाढ़ या सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है। ऐसी स्थिति में उत्तम खेती हो, इस पर अनुसंधान की जरूरत है, ताकि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का प्रधानमंत्री का सपना पूरा हो सके। देवघर में भी गाय बंटवाएं मंत्री:
विधायक नारायण दास ने कहा कि ऐसे जगह पर कृषि महाविद्यालय की स्थापना बदलते परिवेश को इंगित करता है। साथ ही कृषि मंत्री पर देवघर विधान सभा के किसानों के पशुपालकों पर ध्यान नहीं देने का भी आरोप लगाया और कहा कि सारी गाय सारठ में ही बंटवा देते हैं। उन्होंने कृषि मंत्री से देवघर विधान सभा पर भी निगाह डालने की बात कही। हरेक बच्चा एक परिवार को लेगा गोंद
बिरसा कृषि विवि के कुलपति पर¨मदर कौशल ने कहा कि यहां के छात्र गांव के हर परिवार को गोंद लेंगे। जो यहां सीखेंगे, वही ग्रामीण को सिखाएंगे। इसके साथ ही ग्रामीण भी एक लेक्चरर के तौर पर समय-समय पर अपने अनुभव छात्रों से साझा करेंगे। उन्होंने कृषि कॉलेज तक जाने वाली सड़क की दुर्दशा पर ¨चता जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे संस्थानों के विकास के लिए उचित संपर्क पथ का होना आवश्यक है अन्यथा विशेषज्ञ भी यहां आने से कतराएंगे। शॉ¨पग मॉल नहीं होने से छात्रों को दिक्कत होगी। प्रयोगात्मक कक्षा के लिए 25 एकड़ फार्म की जरूरत होगी। डीएसडब्लू डॉ. एमएस यादव ने भी विचार व्यक्त किए। सुरक्षा व शॉ¨पग बड़ा सवाल
104 एकड़ में फैले रवींद्रनाथ टैगोर कृषि महाविद्यालय में हर वर्ष 50 सीट पर नामांकन झारखंड कंबाइंड के माध्यम से होगा। यहां बीएससी इन एग्रीकल्चर की डिग्री मिलेगी। यह पाठ्यक्रम चार वर्ष का है। हर वर्ष दो सेमेस्टर की परीक्षा होगी। इस लिहाज से दो छात्रों के लिए आवासीय सुविधा की जरूरत है लेकिन कॉलेज प्रशासन के अनुसार अभी 150 छात्रों के रहने की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि अभी दो वर्ष के सौ छात्र हैं। प्रथम वर्ष में 33 लड़कियां 17 लड़के जबकि द्वितीय वर्ष में 32 लड़कियां तथा 18 लड़के हैं। लेकिन जिस जगह पर यह महाविद्यालय है, वहां सुरक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी है। प्रखंड मुख्यालय से भी दूरी लगभग 10 किमी है तथा इलाका भी बहुत चहल-पहल वाला नहीं है। हालांकि कॉलेज प्रशासन का कहना है कि प्राइवेट सिक्यूरिटी से 12 महिला व पुरुष सुरक्षा गार्ड जबकि विवि की ओर से तीन सुरक्षा गार्ड यहां मुस्तैद रहेंगे। शायद सुरक्षा का ही सवाल था कि उद्घाटन समारोह में भी पुलिस आउट पोस्ट बनाने की मांग हो रही थी।
ग्रामीणों ने शांतिपूर्वक किया विरोध
बैजनडीह के ग्रामीणों ने समारोह स्थल से थोड़ी दूरी पर बैठक कर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज किया। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी लगभग 104 एकड़ भूमि कृषि कॉलेज में गई है, लेकिन अभी तक उन्हें न तो मुआवजा मिला है और नहीं नौकरी। ग्रामीणों का कहना था कि वह कृषि कॉलेज का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन प्रशासन उनके साथ न्याय करे। जब तक मुआवजा व नौकरी नहीं मिलती है तक तब शांतिपूर्ण विरोध जारी रखने की बात ग्रामीणों ने कही। कृषि कॉलेज में बैजनडीह के तकरीबन 28 परिवार की जमीन गई है। ग्रामीण सुरेंद्र यादव ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने सुरक्षा गार्ड के तौर पर उनकी दो बहुओं से तीन दिन काम कराने के बाद हटा दिया। इस मौके पर पूर्व जिला परिषद सदस्य भूतनाथ यादव मौजूद भी मौजूद थे।