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सुरक्षा से नहीं हो समझौता, सोच-समझकर निर्णय ले सरकार

सावन के आने में करीब एक माह का समय है। हालांकि कोरोना संक्रमण के खतरे ने श्रावणी मेले की तैयारियों से जुड़ी हरेक गतिविधियों पर अंकुश लगा रखा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 04:17 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 04:17 PM (IST)
सुरक्षा से नहीं हो समझौता, सोच-समझकर निर्णय ले सरकार
सुरक्षा से नहीं हो समझौता, सोच-समझकर निर्णय ले सरकार

देवघर : सावन के आने में करीब एक माह का समय है। हालांकि कोरोना संक्रमण के खतरे ने श्रावणी मेले की तैयारियों से जुड़ी हरेक गतिविधियों पर अंकुश लगा रखा है। लॉकडाउन के कारण बैद्यनाथधाम मंदिर का पट बंद है और बैद्यनाथ मंदिर तक जाने वाली गलियों में सन्नाटा है। केंद्र सरकार के स्तर से आठ जून से धर्मस्थलों को खोलने की मंशा जताने के बाद भी देवघर और बासुकीनाथ के मंदिरों को खोले जाने को लेकर संशय है। शासन और प्रशासन ही नहीं बल्कि देवघर के आमजन भी कोरोना के संक्रमण को लेकर काफी सजग और सचेत हैं। ऐसे में बाबा मंदिर का पट खोलने और श्रावणी मेले के स्वरूप को लेकर स्थिति धुंधली है। जान की सुरक्षा से समझौता करने को लेकर कोई तैयार नहीं है। अनलॉक-1 के बाद देवघर बाजार में भले ही थोड़ी चहल-पहल तेज हुई है, लेकिन बाबा मंदिर का पट नहीं खुलने से देवघर अपनी पुरानी स्थिति में वापस नहीं लौट सका है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए सबसे अहम पहलू यह है कि अभी सावधानी बरती जाए। जान है तो जहान है। इसलिए मंदिर का पट खोलने और श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर सरकार व प्रशासन को एक नहीं सौ बार सोच-विचार का फैसला लेना चाहिए। हड़बड़ी या दबाव में आकर कोई भी निर्णय खतरनाक हो सकता है। बिना पुख्ता इंतजाम के इस दिशा में सोचना संकट पैदा कर सकता है। शिव कुमार सर्राफ, अध्यक्ष, मारवाड़ी सम्मेलन, देवघर। उम्मीद थी कि अनलॉक-1 के बाद राहत मिलेगी लेकिन अब भी स्थिति यथावत है। बाबा मंदिर का पट बंद है और गलियां सूनीं हैं। कायदे से बाबा का पट खुलना चाहिए लेकिन इसके लिए प्रशासन को सुरक्षा का मुकम्मल उपाय करना होगा। मंदिर खुलने से दुकानदारी चलेगी। बाबा मंदिर से ही देवघर की अर्थव्यवस्था जुड़ी है और इससे ही अधिकांश लोगों की रोजी-रोटी चलती है।

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हनुमान प्रसाद केशरी, अध्यक्ष, प्रसाद विक्रेता संघ। आर्थिक उन्नति के लिए बाबा मंदिर का पट खुलना और श्रावणी मेले का आयोजन बहुत जरूरी है लेकिन इससे कहीं ज्यादा अभी कोरोना संक्रमण से बचाव जरूरी है। सरकार और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि देवघर और देवघरवासियों की सुरक्षा सबसे प्राथमिक कड़ी है। श्रावणी मेला को टाला जाना उचित होगा तो ऐसा करना भी गलत नहीं होगा क्योंकि छोटी-सी चूक देवघर को कोरोना संक्रमण का हॉट स्पॉट बना सकता है।

डॉ. नवीन कुमार, आइटी कंसल्टेंट, देवघर।


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