नागपुर से गहरा होगा सत्संग आश्रम का नाता
जागरण संवाददाता, देवघर : आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ऐसे समय में सत्संग आश्रम आए जब दे
जागरण संवाददाता, देवघर : आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ऐसे समय में सत्संग आश्रम आए जब देश में चुनाव दस्तक देने वाला है। किसी के हलक में यह बात नहीं उतर रही कि आखिर संघ का अचानक आश्रम आना कैसे हुआ। आश्रम की ओर से भी चुप्पी साधी गई है। संघ प्रमुख ने भी मीडिया से बात करने से इन्कार कर दिया। संघ के लोग इसे सामान्य बात मान रहे हैं। उनका कहना है कि सामाजिक और आध्यात्मिक संगठनों से संवाद संघ की परंपरा रही है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए जन दबाव बनाने के लिए समाज के सभी समूहों को जोड़ने की यह पहल है।
जानकारों ने बताया कि यह संघ प्रमुख का निहायत व्यक्तिगत कार्यक्रम था और वह सत्संग आश्रम को समझने आए थे। बहरहाल, तकरीबन 90 मिनट के प्रवास में उनकी अगुवानी बहुत गर्मजोशी से की गई। आश्रम के सह सचिव शिवानंद प्रसाद एवं मुन्ना ¨सह ने उनका स्वागत किया।
शिवानंद ने मोहन भागवत को बताया कि ठाकुरजी शिक्षा, दीक्षा एवं विवाह की हमेशा वकालत करते थे। मानव को प्रेम का संदेश देते रहे। मेमोरियल हॉल में लगी दुर्लभ तस्वीरों के बारे में भी उन्हें बताया गया। ठाकुरजी के उस कक्ष को दिखाया जिसमें देवघर आने पर वह पहली बार ठहरे थे। नागपुर आने का मिलेगा न्योता
अशोक दा के बड़े पुत्र बबई दा से मिलने के बाद आश्रम के अनुयायी मुन्ना ¨सह ने कहा कि आरएसएस प्रमुख जाते-जाते कह गए कि जल्द ही आश्रम के प्रमुख को नागपुर आने का न्योता भेजा जाएगा। आश्रम की ओर से भागवत का सम्मान अंग वस्त्र से किया गया। श्रीश्री ठाकुर रचित सत्यानुसरण पुस्तक के अलावा पुरुषोत्तम, नारी शक्ति पुस्तक एवं उनकी एक तस्वीर भी भेंट की गई। नाश्ता में मूंग का हलुआ, चपाती, पालक पनीर एवं शुगर फ्री मिठाई के साथ बारह तरह के व्यंजन परोसे गए। जलपान बनाने का जिम्मा असम के धुबरी की गुरु बहन गायत्री सर्राफ, नीतू ¨सह एवं सुषमा अग्रवाल को दिया गया था। जलपान के बाद संघ प्रमुख सत्संग द्वारा भेंट की गई पारंपरिक परिधान धोती, कुर्ता एवं गमछा धारण कर ठाकुरबाड़ी में अशोक दा से मिलने गए। अशोक दा व बबई दा को भेंट किया श्रीफल
ठाकुरबाड़ी पहुंचते ही संघ प्रमुख ने सबसे पहले आश्रम के प्रधान आचार्य अशोक दा एवं उनके बड़े पुत्र बबई दा को अंगवस्त्र एवं श्रीफल (नारियल) भेंट किया। दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन किया। झुककर प्रणाम किया और फिर देवघर की जल समस्या पर बातचीत की। इसी दौरान बबई दा ने संघ प्रमुख से कहा कि देवघर में पुनासी प्रोजेक्ट का काम जल्द ही पूरा होने वाला है, प्रोजेक्ट पूरा होते ही जलसंकट दूर हो जाएगा। बांग्ला बोलने पर अशोक दा हुए आश्चर्यचकित
बांग्ला भाषा में जब संवाद शुरू हुआ और मोहन भागवत भी बांग्ला बोलने लगे तो बबई दा ने पूछा कि आप बांग्ला जानते हैं। तब मोहन भागवत ने कहा कि चार साल कोलकाता में रहा तो भाषा सीख ली। इसके बाद संवाद दोनों ओर से होता रहा। तकरीबन 20 मिनट की बातचीत में एक बार भी हिन्दी नहीं बोलने की कोशिश की गई। संघ प्रमुख ने अशोक दा को बताया कि वह कल वाराणसी से रांची आए हैं, आज देवघर आए हैं। अब भागलपुर जाना है। विधायक नारायण दास ने भी संघ प्रमुख से शिष्टाचार मुलाकात की। माथाबांध में स्वयंसेवकों से की मंत्रणा
संघ प्रमुख आश्रम से निकलने के बाद तकरीबन साढ़े चार घंटे माथाबांध में स्वयंसेवक रोहित बरनवाल के आवास पर रुके। यहीं पर दो बैठकें की। पहली बैठक में प्रांत प्रचारक रवि कुमार, सह प्रांत प्रचारक दिलीप कुमार, डॉ. युगल किशोर चौधरी, मोहन बरनवाल, गणेश कुमार समेत अन्य थे। दूसरी बैठक 19 लोगों के साथ चाय पर हुई। इसमें जिला कार्यकारिणी, नगर टोली, नगर कार्यवाह शामिल थे। जेड प्लस सुरक्षा के कारण पूरी व्यवस्था पर एसडीओ विशाल सागर नजर बनाए हुए थे।