इलाजरत बच्ची की मौत, लोगों ने किया सड़क जाम
सारठ (देवघर) : थाना क्षेत्र के केराबांक पंचायत स्थित मुंडा मोड़ के समीप मंगलवार को वाहन द
सारठ (देवघर) : थाना क्षेत्र के केराबांक पंचायत स्थित मुंडा मोड़ के समीप मंगलवार को वाहन दुर्घटना में घायल हुई बच्ची रितिका कुमारी (3) (पिता राजू साह) की मौत बुधवार को इलाज के दौरान देवघर स्थित एक निजी अस्पताल में हो गई। इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने रंगासिरसा-नारगी मुख्य पथ को छह घंटे के लिए जाम कर वाहन चालक के गिरफ्तारी की मांग करने लगे। जाम के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जिससे स्थानीय लोगों के साथ राहगीरों को भी भारी परेशानी हुई। जाम की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी एनडी राय दल बल मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा बुझाकर जाम हटाने का पूरा प्रयास किया। मगर आक्रोशित लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे। वहीं कुछ लोगों ने पुलिस के साथ नोकझोंक शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ता देख थाना प्रभारी ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी। लोगों का कहना था कि कृषि मंत्री के आने के बाद ही जाम हटाया जाएगा। घटना की सूचना मिलते ही कार्यपालक दंडाधिकारी अमित कुमार, एसडीपीओ अशोक कुमार ¨सह, पालाजोरी थाना प्रभारी नवीन कुमार, चितरा थाना प्रभारी कैलाश कुमार व करौं थाना प्रभारी दुष्यंत कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा बुझाकर काफी मशक्कत के बाद जाम हटवाया। वहीं घटना स्थल से ही वाहन मालिक एवं चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
जानकारी हो कि मंगलवार को एक स्कूल के मैजिक वाहन ने रितिका कुमारी को कुचल दिया था। जिससे बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी। घटना के बाद परिजनों ने उसे ईलाज के लिए देवघर स्थित एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया था। वहीं इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने रंगासिरसा-कुकराहा मुख्य मार्ग को तीन घंटे के लिए जाम कर दिया था। जिसके बाद अधिकारियों द्वारा मैजिक वाहन के मालिक से बात कर घायल बच्ची के इलाज का सारा खर्च दिलवाने का आश्वासन दिलाया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया था।
वर्जन
किसी भी घटना के बाद लोगों द्वारा सड़क जाम करना गलत बात है। पुलिस आम लोगों के सहयोग के लिए घटना स्थल पर पहुंचती है, लेकिन नाजायज मजमा लगाकर लोग हंगामा करना शुरू कर देते हैं, वहीं भीड़ में कुछ लोग आग में पेट्रोल डालने का काम करते हैं। जिससे आमजनों के साथ-साथ कई राहगीरों को भी परेशानी होती है। कहीं कहीं लोग पुलिस से भी उलझने को तैयार हो जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में लोगों को शांति से काम लेना चाहिए तथा पुलिस की मदद करनी चाहिए। अशोक कुमार ¨सह, एसडीपीओ