भक्ति का दूसरा अर्थ समर्पण
देवघर : ठाढ़ी दुलमपुर बाबा मंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का समापन शनिवार
देवघर : ठाढ़ी दुलमपुर बाबा मंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का समापन शनिवार को हो गया। कथा वाचिका अर्चना कुमारी ¨सह ने कहा कि भक्ति का दूसरा अर्थ समर्पण होता है, क्योंकि इसके बिना कोई भी मनुष्य मुक्ति के मार्ग पर नहीं चल सकता है। जिस व्यक्ति में समर्पण की भावना होती है वह सदैव शरीर रोग से मुक्त रहता है। कहा कि कथा अगर प्रसंग मूल्य पर आधारित हो तो वह किसी भी इंसान को चतुर्दश बना देता है। मूल्य आधारित शिक्षा से ही मनुष्य व मानवता का प्रचार प्रसार संभव हो सकेगा और यह तभी संभव हो सकेगा जब इस तरह का आयोजन किया जाए। कार्यक्रम के अंत में भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें कई कलाकारों ने एक से बढ़कर भजनों की प्रस्तुति कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं अंत में महाआरती कर श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया। मौके पर पूर्व विधायक कामेश्वर नाथ दास, मुख्य यजमान चंद्रभूषण पांडेय, कमेटी अध्यक्ष रवींद्र कुमार ¨सह, आयोजक राजीव ¨सह, अनिल ¨सह, विपिन ¨सह राजा राम ¨सह, सोहन तिवारी, संगीता देवी आदि मौजूद थे।