मानव जीवन शैली व ¨चतन का अहम अंग है रामकथा
देवघर : देवघर एक ऐसी पवित्र धरा है, जिसकी चारो दिशा से मर्यादा पुरूषोत्तम राम एवं भगवान शं
देवघर : देवघर एक ऐसी पवित्र धरा है, जिसकी चारो दिशा से मर्यादा पुरूषोत्तम राम एवं भगवान शंकर की कथा सुनाई देती है। पुराणों में इसकी चर्चा है। मुरारी बापू जैसे ख्याति प्राप्त कथा वाचक भी द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की इस पावन भूमि पर रामकथा कह गए हैं। इसलिए कि भगवान शंकर को राम व सीता के राम को भोलेनाथ प्रिय हैं। गुरुवार से बीएड कॉलेज ग्राउंड में नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा का शुभारंभ हुआ है। कथा व्यास कपिल भाई ने पहले दिन रामकथा का मानव जीवन से रिश्ता नाता व उसकी अहमियत पर प्रकाश डाला। कहा कि मनुष्य के जीवन शैली एवं जनमानस के ¨चतन का आवश्यक अंग रामकथा है। जो हर पल साथ निभाता है। प्रसंग आया कि जब भगवान राम लंका जाते हैं तो पहले पार्थिव शिव पूजन करते हैं। सती के शरीर त्यागने पर भगवान शंकर का विवाह पार्वती से होता है। कथा को आगे ले जाने के क्रम में राम नाम का गुणगान होता है। शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग की चर्चा में काफी संख्या में भक्तजनों की मौजूदगी रही। रामकथा आयोजन समिति में अवकाश प्राप्त अधिकारियों की एक कमेटी है जो सालोंभर इस बात का ¨चतन करते हैं कि कैसे समाज में बदलाव आए। आयोजन के शुभारंभ के समय विधायक नारायण दास पहुंचे और रामकथा की महत्ता पर प्रकाश डाला। मौके पर अध्यक्ष आरपीएम पुरी, पीके ¨सह, महामंत्री अंजनी कुमार मिश्र, पंकज ¨सह भदोरिया, उमेश ¨सह, रीता चौरसिया, नीरा मिश्रा, अर्चना ¨सह, विनोद झा, राजेंद्र प्रसाद, ओपी मिश्रा, श्याम किशोर ¨सह सरीखे लोगों की टीम है।