यात्री हुए रेस, पैसेंजर बन गई एक्सप्रेस
संवाद सहयोगी, जसीडीह : एक्सप्रेस ट्रेनें जब पैसेंजर की रफ्तार से चलती है तो ट्रेन में सफर करनेवाल
संवाद सहयोगी, जसीडीह : एक्सप्रेस ट्रेनें जब पैसेंजर की रफ्तार से चलती है तो ट्रेन में सफर करनेवाले रेलवे को भला-बुरा कहते हैं। लेकिन, कभी-कभी स्थिति ऐसी भी बन जाती है कि यात्रियों की मांग पर एक्सप्रेस ट्रेन को पैसेंजर बनाकर चलाना पड़ता है। बुधवार को जसीडीह स्टेशन पर ऐसा ही हुआ। यहां बैद्यनाथधाम-आसनसोल पैसेंजर को रद करने के विरोध में यात्रियों ने जसीडीह में जमकर हंगामा किया। पैसेंजर ट्रेन की इंजन में बैद्यनाथधाम स्टेशन पर ही इंजन में खराबी आई थी जिसे ठीक कर जसीडीह स्टेशन लाया गया। जसीडीह स्टेशन से गाड़ी खुलने के क्रम में इसमें पुन: खराबी आ जाने के कारण रद कर दिया गया। इससे नाराज दर्जनों यात्री स्टेशन मास्टर के कक्ष में पहुंचे और ट्रेन को चलाने की मांग करने लगे। इससे पूर्व जसीडीह-कोलकाता सवारी गाड़ी भी रद कर दी गई थी। गाड़ी रद होने से दोनों ट्रेनों के पैसेंजर यहां फंसे हुए थे। यात्री स्टेशन मास्टर के कक्ष में घुसकर आसनसोल जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग करने लगे। यात्री टिकट लौटाने की मांग भी कर रहे थे। इस दौरान स्टेशन प्रबंधक ने आसनसोल कंट्रोल रूम से आदेश लेकर हावड़ा जम्मूतवी हिमगिरी एक्सप्रेस में सभी यात्रियों को जाने का आदेश दिया। यह ट्रेन सभी छोटी-बड़ी स्टेशनों पर रुकते हुए आसनसोल तक गई।