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खेतौरी व घटवाल को एसटी में शामिल करने पर निर्णय नहीं

जासं, देवघर : सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में एक बार फिर खेतौरी, घटवाल, घ

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 08:09 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 08:09 PM (IST)
खेतौरी व घटवाल को एसटी में शामिल करने पर निर्णय नहीं
खेतौरी व घटवाल को एसटी में शामिल करने पर निर्णय नहीं

जासं, देवघर : सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में एक बार फिर खेतौरी, घटवाल, घटवार व अन्य को अनुसूचित जनजाति के रूप में शामिल करने का मामला उठाया। सांसद के सवाल पर जनजातीय मामलों के मंत्री ने जवाब दिया कि इस मामले में अब तक आगे कार्रवाई नहीं हुई है। सांसद ने इस पर ऐतिहासिक पुस्तक द लिटिल व‌र्ल्ड ऑफ एन इंडियन डिस्ट्रक्ट ऑफिसर आर कास्टेयर को कोट किया। पुस्तक में संताल परगना की सच्चाई से अवगत कराया गया है। इस पुस्तक में उल्लेख है कि संताल परगना का निर्माण 1855 में हुआ था। कहा गया है कि वर्ष 1790 में घटवाल व खेतौरी स्थायीवासी द्वारा इस क्षेत्र पर कब्जा किया गया था। उस वक्त क्षेत्र में कोई भी संताल नहीं था। भुनियास, खेतौरी, ¨हदू, मुस्लिम, हाइलैंडर्स थे। लेकिन संताल नहीं थे। इस क्षेत्र के आदिवासी वे हैं जो अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त करने का दावा करते हैं।

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