देवीपुर में सांसद का विरोध, फूंका पुतला
संवाद सहयोगी देवीपुर (देवघर) देवीपुर थाना क्षेत्र के रामसागर व शंकरपुर गांव की जमीन पर
संवाद सहयोगी, देवीपुर (देवघर) : देवीपुर थाना क्षेत्र के रामसागर व शंकरपुर गांव की जमीन पर प्रस्तावित प्लास्टिक पार्क की चारदीवारी निर्माण कार्य की वस्तुस्थिति जानने शनिवार को पहुंचे सांसद निशिकांत दुबे को रैयतों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। सांसद ने वहां बंद पड़े निर्माण कार्य को शुरू करने का निर्देश दिया तो काफी संख्या में महिलाएं वहां पहुंच गईं और विरोध करने लगी। कुछ ने रोड़े भी फेंके, हालांकि इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ। पुलिस ने तीन महिलाओं को हिरासत में ले लिया। साथ ही विरोध कर रहे लोगों को हटाने के पुलिस को हलका बल प्रयोग भी करना पड़ा। इस दौरान एक व्यक्ति घायल हो गया।
महिलाओं को हिरासत में लेने से लोग भड़क गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने देवघर-भिरखीबाद मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। आक्रोशित लोगों ने सड़क पर सांसद का पुतला फूंक उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सांसद वहां करीब एक घंटा रहे। उनके जाने के बाद काफी समझाने पर लोगों ने जाम हटाया।
इधर हंगामा को देखते हुए फिलहाल वहां काम रोक दिया गया है। जाम के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने समझदारी का परिचय देते हुए एक एम्बुलेंस व दो स्कूल की गाड़ी को वहां से जाने दिया। पुलिस ने तीनों महिलाओं को बाद में रिहा कर दिया।
मौके पर एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव, पुलिस इंस्पेक्टर किस्टोफर टोप्पो, नगर थाना प्रभारी विक्रम प्रताप सिंह, देवीपुर थाना प्रभारी बीएस राय, कुंडा थाना प्रभारी खद्दी कुजूर, सीओ सुनील कुमार व अन्य प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे। मांग पर अड़े रैयत : विरोध कर रहे रैयतों ने झूठा मुकदमा वापस लेने की मांग की है। उन्होंने अधिग्रहित जमीन वापस करने व नई दर से जमीन का मुआवजा देने, एम्स में रैयत सहित स्थानीय लोगों को रोजगार देने की भी मांग की है। साथ ही यहां की जमीन को टुकड़ों में बांट बंदरबांट करने का आरोप उद्योग विभाग पर लगाया है। लोगों के मुताबिक इस तरह जमीन देना गलत है और इसपर रोक लगनी चाहिए। जब तक उनकी मांग मानी नहीं जाएगी, तब तक काम नहीं होने देंगे। वापस नहीं हो सकती अधिग्रहित जमीन : सांसद
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि प्लास्टिक पार्क व औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन का अधिग्रहण 2013 से पूर्व किया जा चुका है। इसके लिए मुआवजा का भुगतान उद्योग विभाग द्वारा किया जा चुका है। एक बार जमीन का अधिग्रहण कर लेने के बाद उसे वापस नहीं किया जा सकता है। देश में ऐसे कई महत्वपूर्ण जगह है जिनका अधिग्रहण वर्षो पूर्व हुआ है और उसे कभी वापस नहीं किया गया। उन्होंने भागलपुर स्थित अपनी जमीन की चर्चा करते हुए कहा कि 80 वर्ष पूर्व उनके पिताजी को महज चार आने प्रति एकड़ के मुताबिक मुआवजा मिला था। अब जाकर रेलवे उसपर काम कर रही है। आज की तारीख में उस जमीन की कीमत करोड़ों में है तो क्या सरकार आज उसकी जमीन वापस कर देगी। उन्होंने कहा कि ये प्रशासन की जिम्मेवारी है कि देवीपुर में भारत सरकार के उपक्रम प्लास्टिक पार्क का काम पूरा कराया जाय। इस बारे में उपायुक्त व एसपी से बात हुई है। दो माह के अंदर कार्य को पूरा करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है।