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अपने ही वतन में उपेक्षित है हिंदी

हिदी दिवस पर शनिवार को स्थानीय प्लस टू विद्यालय में बच्चों के बीच भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया शिक्षकों ने भी हिदी के सम्मान में अपना उद्गार व्यक्त किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 06:14 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 06:40 AM (IST)
अपने ही वतन में उपेक्षित है हिंदी
अपने ही वतन में उपेक्षित है हिंदी

देवघर : हिदी दिवस पर शनिवार को स्थानीय प्लस टू विद्यालय में बच्चों के बीच भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, शिक्षकों ने भी हिदी के सम्मान में अपना उद्गार व्यक्त किया। इसके बाद विद्यालय प्रांगण में हिदी का मान सम्मान बढ़ाने के लिए सामूहिक रूप से संकल्प लिया गया। विद्यार्थियों की तरफ से सुलोचना कुमारी, बिट्टू कुमार भोक्ता, अनिता कुमारी व अन्य विद्यार्थियों ने ओजस्वी वाणी में राष्ट्रभाषा हिदी पर अपना उद्गार व्यक्त किया। कहा कि राष्ट्रभाषा हिदी हमारी आन बान और शान है। समय के साथ ही यह विश्व की प्रमुख भाषा बन गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे तीसरा स्थान प्राप्त है। कितु हिदी अपने ही घर में बेघर है। आजादी के 7 दशक बीतने के बाद भी राष्ट्रभाषा हिदी को वह स्थान नहीं मिल पाया है जिसका हकदार यह है। हमारे बीच अंग्रेजी बोलने वाले लोग खुद को सम्मानित महसूस करते हैं। इन सारी मानसिकताओं को दूर करने की जरूरत है। मौके पर शिक्षक ललित कुमार शर्मा, संतोष कुमार पोद्दार, शमशाद आलम, शिक्षिका रीता कुमारीद, आदि ने हिदी के संबंध में ज्ञानवर्धक बातें बताई।

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