भारी बारिश की वजह से नहीं आ सके राष्ट्रपति
भारी बारिश के कारण राष्ट्रपति रामनाथ कोविद रविवार को देवघर बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने नहीं आ सके।
देवघर : भारी बारिश के कारण राष्ट्रपति रामनाथ कोविद रविवार को देवघर बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने नहीं आ सके। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर उनके आगमन को लेकर तमाम तैयारियां मुकम्मल तरीके से की गई थी लेकिन 11 बजे रांची से जब यह सूचना आई कि बारिश की वजह से राष्ट्रपति देवघर नहीं आ पाएंगे तो प्रशासन ने राहत की सांस ली। इस सूचना के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं के आगमन के लिए मानसरोवर का द्वार भी खोल दिया गया। इधर राष्ट्रपति के नहीं आने के उपरांत उनके लिए तैयार किए गए पूजन सामग्री, थाल व मेवा, फल-मिष्ठान उपायुक्त नैंसी सहाय की अगुवाई में जिले के अधिकारियों ने सामूहिक रूप से विधि-विधान के साथ भोलेनाथ पर अर्पित किया गया। बाद में इस प्रसाद को प्रशासनिक भवन में लाकर पैक किया गया और उसे रांची भेज दिया गया।
बताते चलें कि राष्ट्रपति के आगमन को लेकर अलसुबह से ही मंदिर में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद थी। मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया था और मुख्य द्वार से बाबा मंदिर परिसर तक रेड कारपेट बिछाया गया था। तीर्थ पुरोहितों ने पूजा की पूरी तैयारी कर रखी थी। राष्ट्रपति के तीर्थ पुरोहित चांद पलिवार ने मायूसी भरे अंदाज में कहा कि यह दूसरा अवसर है जब वे अपने यजमान को पूजा नहीं करा पाए। मानसून की वजह से यह व्यवधान आई है। इससे पूर्व जब वे बिहार के राज्यपाल थे तब मंदिर आए थे और उस वक्त भी उनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी। सुबह से ही राष्ट्रपति का हो रहा था इंतजार : बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के उद्देश्य से रविवार को 12.30 बजे आना तय था लेकिन बारिश के कारण एटीसी ने क्लियरेंस नहीं दिया और इसकी वजह से उनका देवघर आगमन नहीं हो सका। हालांकि पिछले कई दिनों से राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के आगमन को लेकर प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन की ओर से तैयारियां की जा रही थीं। रविवार की सुबह से उनके आगमन का लोग इंतजार कर रहे थे। भारी बारिश के बावजूद लोगों में जबरदस्त उत्साह था लेकिन बारिश ने इस उत्साह पर पानी फेर दिया। बाबा मंदिर के प्रशासनिक भवन के समक्ष ही राष्ट्रपति व उनके साथ आने वाले परिजनों को विधि-विधान से संकल्प कराने की व्यवस्था की गई थी। चिह्नित किए गए तीर्थ पुरोहित चांद पलिवार, स्टेट पुरोहित श्रीनाथ महराज, लंबोदर परिहस्त, रमेश परिहस्त, विद्याधर नरोने व शशि मिश्र उनके आगमन को लेकर प्रतिक्षारत थे। मंदिर प्रागंण को किया गया था अतिक्रमण मुक्त : राष्ट्रपति आगमन को लेकर मंदिर प्रांगण को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था। मंदिर में माली व धूप, दीप की दुकानों को एक दिन पूर्व ही मंदिर प्रबंधन व जिला प्रशासन के आदेश पर खाली करा लिया गया था। इसके अलावा मंदिर में जोरदार तरीके से साफ-सफाई अभियान चलाकर मंदिर परिसर को स्वच्छ रखा गया था। हालांकि सुबह 10 बजे तक मंदिर के मुख्य द्वारों से सुरक्षा जांच के उपरांत श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंच रहे थे। इन्हें सुरक्षाकर्मी जांच के बाद मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे रहे थे।