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श्रावणी मेलाः बाबा मंदिर में हेड काउंटिंग मशीन से शुरू हुई भक्तों की गिनती

श्रावणी मेला में इस साल कई ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं, जो एक अभिनव प्रयोग होगा। गंगासागर मेला के तर्ज पर हेड काउंटिंग मशीन इस साल लाया गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 03:39 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 06:04 PM (IST)
श्रावणी मेलाः बाबा मंदिर में हेड काउंटिंग मशीन से शुरू हुई भक्तों की गिनती
श्रावणी मेलाः बाबा मंदिर में हेड काउंटिंग मशीन से शुरू हुई भक्तों की गिनती

जागरण संवाददाता, देवघर। विश्व स्तर पर स्थापित आस्था व विश्वास का अटूट केंद्र देवघर में एक महीना तक चलने वाला ख्याति प्राप्त श्रावणी मेला में इस साल कई ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं, जो एक अभिनव प्रयोग होगा। गंगासागर मेला के तर्ज पर हेड काउंटिंग मशीन इस साल लाया गया है। बुधवार को बाबा मंदिर के फील पाया यानि मुख्य प्रवेश द्वार के पास कैमरा लगा दिया गया।

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हाईटेक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम मानसरोवर तट पर 27 जुलाई से कार्य करने लगेगा। 29 आउट पोस्ट को इस साल मल्टी सर्विस प्वाइंट के रूप में विकसित किया गया है। जिससे केवल विधि व्यवस्था ही नहीं यहां से मूलभूत सुविधा के अड़चन को भी दूर किया जाएगा। सभी संबंधित पदाधिकारी यहां तैनात होंगे। संस्कार मंडप, नेहरू पार्क, जलसार एवं क्यू कांप्लेक्स में कतार लगाने की व्यवस्था सुदृढ़ कर ली गयी है।

मेला को पूरी तरह हाईटेक बनाया जा रहा है। आला अधिकारियों के मोबाइल हैंडसेट पर मेला का दृश्य अनवरत चलता रहेगा। इंटिग्रेटेड कंट्रोल रूम से क्यू कांप्लेक्स, नेहरू पार्क, बीएड कालेज ग्राउंड, नंदन पहाड़ एवं सिंघवा पंडाल में कतारबद्ध कांवरियों की मानीटरिंग होगी। वहीं क्लाइमेट मानीटरिंग सिस्टम भी इस साल लगाया जा रहा है। क्लाइमेट से इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि भक्तों को राहत देने के लिए क्या इंतजाम किए जाएं।

कतार में खड़े कांवरियों के उपर पानी का छिड़काव होगा। पंडाल में इंतजार कर रहे यात्रियों को राहत दिलाने पर तत्काल निर्णय लिया जाएगा। पंडाल में घुटन नहीं हो इसे देखते हुए रूके हुए कतार को गति देने का काम किया जाएगा। दूसरा प्रशासन को यह पता चल जाएगा कि क्लाइमेट का कतार पर क्या असर होगा।

हिलियन बैलून पर शंकर-पार्वती की तस्वीर रहेगी जो कांवरियों को भी आकर्षित करेगी। इस दो हिलियन बैलून से भीड़ पर नजर रहेगी, यह सीसीटीवी से एडवांस कैमरा होता है। कैमरे से कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी यह आकलन कर पाएंगे कि रूटलाइन का टेल प्वाइंट कहां तक है। भीड़ की स्थिति कैसी है, इसे कैसे नियंत्रित किया जाय। मेला में यह प्रयोग भी पहली बार किया जा रहा है। एक बैलून नंदन पहाड़ क्षेत्र तो दूसरा मानसरोवर तट के इर्द गिर्द होगा।

दुम्मा से खिजुरिया तक 95 प्वाइंट पर इंद्रवर्षा का इंतजाम किया गया है। 28 जुलाई को मेला के आरंभ होते ही कांवरिया पथ पर सारी सुविधा बहाल हो जाएगी। दिन और रात बाबा के भक्त चलते रहें, इसके लिए दस किमी पथ पर मेटल लाइट लगाया गया है। जगह जगह स्नानागार एवं शौचालय बने हैं, जो निश्शुल्क हैं। 29 अस्थायी थाना एवं ट्रैफिक थाना बनाया गया है जिसमें पुलिस के वरीय पदाधिकारी एवं सुरक्षा बल प्रतिनियुक्त होंगे। एसपी ने बुधवार को सभी पदाधिकारियों को मेला डयूटी के कर्तव्यों से अवगत करा दिया है। उपायुक्त ने मेला में प्रतिनियुक्त अधिकारियों को यह ताकीद किया है कि वह सेवा भाव से कार्य करेंगे। आपसी समन्वय बनाए रखेंगे।

बाघमारा एवं कोठिया में एक एक हजार एवं जसीडीह बस पड़ाव के पास पांच सौ भक्तों के आवासन को लेकर टेंटसिटी बनाया जा रहा है। यहां शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्नानागर एवं स्वच्छता का विशेष इंतजाम किया गया है। 


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