सुख-दुख मनुष्य के कर्मों का ही परिणाम : अनुराग कृष्ण महाराज
सारठ (देवघर) अंचल के सबैजोर गांव में शिव पार्वती मंदिर प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय महारू
सारठ (देवघर) : अंचल के सबैजोर गांव में शिव पार्वती मंदिर प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय महारूद्र यज्ञ के दूसरे दिन अनुराग कृष्ण महाराज ने भगवत कथा की व्याख्या करते हुए कहा कि सत्य के मार्ग पर चलना ही सबसे बड़ा धर्म है। भगवत कथा जीवन जीने की पाठशाला है। कहा कि सुख-दुख जीवन के दो पहलू है, जो हमारे ही कर्मो के परिणाम है। जिसे हमें भोगना ही पड़ता है। इसके बिना जीवन कि मुक्ति संभव नहीं है। कहा कि अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियां जीवन में आते-जाते रहता है। ईश्वर के पथ का अनुसरण, उनकी वाणी पर श्रद्धा और विश्वास ही गलत कर्मों से मुक्ति दिला सकता है। महाराज ने कहा कि आत्मिक शांति के लिए धर्म कार्य कल के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि मनुष्य जीवन क्षणभंगुर है। कालचक्र का पहिया निरंतर घूम रहा है। कथा के दौरान नारद जी के पूर्व जन्म कि कथा, सुकदेव जी का जन्म तथा राजा परीक्षित के जन्म की कथा विस्तार से सुनाया। भागवत कथा के बाद सास्कृतिक कार्यक्रम में भोजपुरी गायिका कुमकुम बिहारी ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत कर लोगों को खूब झुमाया।
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