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कुपोषण मुक्त समाज बनाने पर सरकार का जोर

संवाद सूत्र, देवघर : कुपोषण आज भी एक बड़ी समस्या है। सरकार इस पर अंकुश लगाने के लिए कइ

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 07:15 PM (IST)
कुपोषण मुक्त समाज बनाने पर सरकार का जोर
कुपोषण मुक्त समाज बनाने पर सरकार का जोर

संवाद सूत्र, देवघर : कुपोषण आज भी एक बड़ी समस्या है। सरकार इस पर अंकुश लगाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। गर्भवती व धातृ महिलाओं को पोषाहार दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषाहार दिया जा रहा है। गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को आवश्यकतानुसार दो एवं चार पैकेट। बच्चों को एक पैकेट दिया जाता है। पहले तो सूखा पोषाहार मिलता था, लेकिन अब तो पौष्टिक रेडी टू इट का पैकेट मिलता है। इसमें बनाने को कोई झंझट ही नहीं रहता।

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नियमित टीकाकरण, आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ करने, सरकारी अस्पतालों में एमटीसी केंद्र की स्थापना आदि इस ओर उठाया कदम है। अभी तो सरकार की ओर से पोषण महीना कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस दौरान प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक पोषण को ले कई तरह के जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमे आंगनबाड़ी केंद्र कर्मियों के अलावा पंचायत प्रतिनिधियों को भी शामिल करने की योजना है। इसके तहत पहले सप्ताह में 6 सितंबर को जिला स्तर पर मुखिया की बैठक बुलाई गई है। जहां मुखिया को कुपोषण समाप्त करने से संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी व इसे लागू करने में उनकी भूमिका के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए मुखिया को पंच सूत्र कार्यक्रम पर काम करने की बात कही गई है जिसमें मुखिया यह सुनिश्चित करना है कि पंचायत में आंगनबाड़ी की स्थिति ठीक है। भवन की मरम्मत में सहायता, शौचालय, चारदीवारी, बिजली आदि की व्यवस्था सुनिश्चित हो।

दूसरा कृषि विभाग के साथ मिलकर फलदार पौधरोपण कराना है। कुपोषित बच्चों की संख्या और उसकी निगरानी के साथ उसे पौष्टिक भोजन सुनिश्चित कराना है। वीएचएनडी की निगरानी, प्रसव पूर्व देखभाल करनेवाली गर्भवती महिलाओं की संख्या और उसे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। पंचायतों की बैठक में पोषण पर चर्चा और इसे दूर करने की कोशिशों को बढ़ावा देना शामिल है।

दूसरे सप्ताह में प्रखंड एवं जिला स्तर पर स्कूली बच्चे, एनसीसी कैडेट्स व आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ पोषण जुलूस निकालने, छोटा मैराथन का आयोजन, पोषण उपवन, किचन गार्डन के तहत पौष्टिक सब्जियों की खेती आदि के लिए प्रेरित करने का काम किया जा रहा है। विद्यालयों में पोषण पर जागरूकता अभियान से अलर्ट करना है। बच्चे अभी से पोषण व पौष्टिक आहार को समझें इसके लिए उनके बीच पें¨टग, भाषण और निबंध प्रतियोगिता कराई जाएगी साथ ही बच्चों के साथ पोषण पर चर्चा भी की जाएगी। इसके तहत बच्चों को स्वच्छता, विवाह की उम्र सहित पोषण से संबंधित टिप्स दिए जाएंगे।

सीएचसी और प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में पोषण मेला का आयोजन करने की योजना बनायी गयी है। गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच एवं उनके बीच आयरन की गोली का वितरण, टीकाकरण व पोषण संबंधी सलाह देकर एक स्वस्थ्य माहौल बनाने की कोशिश सरकार की है।


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