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चुनाव के बाद आम जनता को भूल जाते प्रत्याशी

प्रत्याशियों को इस बार काफी पसीना बहाना पड़ रहा है। मतों की गोलबंदी से हर दल को परेशानी है। लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि इस बार का चुनाव आमने-सामने का है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 04:04 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 04:04 PM (IST)
चुनाव के बाद आम जनता को भूल जाते प्रत्याशी
चुनाव के बाद आम जनता को भूल जाते प्रत्याशी

देवघर : देवघर के पुराना सदर अस्पताल गेट पर स्थित अवधेश कुमार सिन्हा की चाय दुकान पर शनिवार की सुबह चौथे चरण में 16 दिसंबर को देवघर और मधुपुर विधानसभा के लिए होने वाला मतदान के अलावा देवघर में गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी सभा की चर्चा जोरों पर थी। बढ़ रही सर्दी के संग चाय की चुस्की में डूबते हुए अरूण कुमार सिन्हा ने कहा कि इस बार का विधानसभा चुनाव खास है। प्रत्याशियों को इस बार काफी पसीना बहाना पड़ रहा है। मतों की गोलबंदी से हर दल को परेशानी है। लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि इस बार का चुनाव आमने-सामने का है। अरविद कुमार यादव कहते हैं कि कोई जीते कोई हारे जनता का जो स्थिति कल थी वही आज है और कल भी रहेगी। चुनाव के बाद प्रत्याशी आम जनता को भूल जाते हैं और अपनी भलाई सोचने लगते हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने का समय मतदान ही है। अधिक से अधिक मतदान करके ऐसे लोगों को मतदाताओं को अपनी ताकत दिखानी चाहिए। अंकित आनंद कहते हैं राज्य में शिक्षा का स्तर इस कदर गिर गया है कि लोग शिक्षित तो होते हैं मगर इस लायक नहीं बन पाते हैं कि वह अपनी पैरों पर खड़ा हो सके और ना ही कहीं नौकरी लेने के काबिल बन पा रहे हैं। इसका सीधा असर युवाओं पर पड़ रहा है। फिर चर्चा शनिवार को देवघर में गृहमंत्री अमित शाह के आगमन की भी।

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