जैविक खाद को बाजार में उतारने का रास्ता साफ
जो किसान अपने खेतों में बेहतर फसल की चाहत तो रखते हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से चाहकर भी बाजार से महंगे खाद को खरीद नहीं पाते है।
देवघर : अब किसानों को बाजार मूल्य से कम खर्च पर जैविक खाद उपलब्ध होगा। जो किसान अपने खेतों में बेहतर फसल की चाहत तो रखते हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से चाहकर भी बाजार से महंगे खाद को खरीद नहीं पाते है। ऐसे में पछियारी कोठिया स्थित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट में तैयार हो रहे जैविक खाद ऐसे किसानों के लिए काफी मददगार साबित होगा।
राज्य का पहला सबसे बड़ा प्लांट को 2018 में स्थापित किया गया था। लगभग दो साल का वक्त गुजर गया लेकिन वन एवं पर्यावरण की स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से लोगों तक जैविक खाद को पहुंचाया नहीं जा पा रहा था। 22 अप्रैल वीडियो संवाद के माध्यम से एक्पर्ट अप्रेजल कमेटी के हुई बैठक में नगर आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल ने प्लांट को पर्यावरण स्वीकृति देने को लेकर मजबूती से अपना पक्ष रखा था। इसके बाद दो जुलाई को भारत सरकार द्वारा प्लांट को वन एवं पर्यावरण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। स्वीकृति के मिलने के बाद बाजारों में खाद बेचने का रास्ता भी साफ हो गया। नगर निगम के अधीन ठोस अपशिष्ट कचरा प्रबंधन प्लांट को निजी एजेंसी एमएसएमडब्ल्यूएम के साथ हुए करार के बाद संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बाबत प्लांट हेड विशाल भट्ट ने बताया कि 23.56 एकड़ में प्लांट स्थापित किया गया है। यहां कचरा को तीन अलग-अलग मशीन के माध्यम से ठोस, प्लास्टिक सहित अन्य समानों को रि-साइकिल करके अलग-अलग किया जाता है। इसके बाद मेन कंपोस्ट मशीन के द्वारा खाद तैयार किया जाता है। जैविक खाद को तैयार होने में 37 दिनों वक्त लगता है। 200 टन प्रतिदिन कचरा प्रोसेसिग क्षमता है। इसमें प्रतिदिन 90 टन खाद बनाया जाता है जबकि शेष 110 टन आरडीएफ (बेकार ठोस) को अलग कर दिया जाता है। यहां कुल 36 स्टाफ प्रोसेसिग के काम में जुटे हैं।