प्रकाश की गति से चलना संभव नहीं, जलने का खतरा
जागरण संवाददाता देवघर तक्षशिला विद्यापीठ में शनिवार को वेबिनार (ऑनलाइन सेमिनार) का आय
जागरण संवाददाता, देवघर : तक्षशिला विद्यापीठ में शनिवार को वेबिनार (ऑनलाइन सेमिनार) का आयोजन सीआइआरटी (सेंटर फॉर इनोवेशन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी) के ओर से किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यापीठ के सौ से अधिक छात्र-छात्राएं नासा व इसरो के वैज्ञानिकों से रूबरू हुए तथा अपनी जिज्ञासा से संबंधित सवाल भी किए। इसका जवाब वैज्ञानिकों ने दिया। इस दौरान छात्र नासा के वैज्ञानिक जी सालाजार व आर नारायण स्वामी तथा इसरो के वैज्ञानिक पीएस दे, टी सुब्रमण्यम व इंद्रजीत जी से आमने-सामने हुए। एक छात्र ने पूछा कि क्या प्रकाश के गति के साथ चलना संभव है। इस पर नासा के वैज्ञानिक जी सालाजार का जवाब था कि यह संभव नहीं है। इतनी तेज गति से चलने में जलने का खतरा है। 11वीं की छात्रा प्रिया कुमारी ने पूछा कि स्पेस में जाने पर किस तरह का शारीरिक व मानसिक परिवर्तन होता है। 11 माह बाद स्पेस से लौटी दो महिला वैज्ञानिकों का भी जिक्र उन्होंने किया। इस वैज्ञानिक ने जवाब दिया कि स्पेस में जाने के बाद हमारे हड्डियों के ज्वाइंट का साइज बढ़ जाता है, जिससे हम लंबे हो जाते हैं। हर्ट का बीटिग रेट बदल जाता है तथा मानसिक स्तर पर हम थोड़े कमजोर हो जाते हैं, क्योंकि वहां घर व धरती का माहौल नहीं रहता है। लोगों से मिलना-जुलना नहीं होता तथा जो भी स्पेस से हम बोलते हैं उसे पृथ्वी तक आने में 20 मिनट का समय लगता है। इसलिए संवाद भी कम हो जाता है। ग्रेविटी शून्य रहती है। ऐसे में जब वापस धरती पर आते हैं तो काफी औषधि व चिकित्सा होने के बाद सामान्य स्थिति को प्राप्त करते हैं। सामान्य होने में काफी समय लगता है। खुशी के अलावा एक अन्य छात्र ने पूछा कि ब्रह्मांड के केंद्र में क्या है, जिस पर वैज्ञानिक का जवाब था कि इस पर अभी रिसर्च चल रहा है।
सांवी ने स्पेस की बाउंड्री के बारे में जानना चाहा तो नासा से जवाब आया कि यह अभी तक ज्ञात नहीं है। स्पेस की बाउंड्री बहुत बड़ी है। इस पर काम चल रहा है, इसे पता करने में बहुत समय लगेगा। सीआइआरटी की ओर से सेटेलाइन मेकिग प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। जिसमें छात्र ग्रुप बनाकर भाग लेंगे। छात्रों के प्रदर्श का मूल्यांकन वैज्ञानिकों की कमेटी करेगी और विजेता ग्रुप को निश्शुल्क इसरो घूमने का मौका मिलेगा। इस मौके पर विद्यालय के चेयरमैन व पूर्व मंत्री केएन झा, डॉ. एनसी गांधी, मोतीलाल द्वारी व प्राचार्य प्रद्युत घोष मौजूद थे।