अपनी धरती पर कदम रखते ही श्रमिकों की आंखें भर आई
प्रवासी मजदूरों ने अपनी धरती पर उतर कर मनाई खुशी
जसीडीह : लॉकडाउन के दौरान गोवा में फंसे झारखंड के विभिन्न जिलों के प्रवासी मजदूरों ने सोमवार को जैसे ही जसीडीह स्टेशन पर कदम रखा उनके चेहरे पर राहत और सुकून की झलक दिखी। गोवा से जसीडीह की यात्रा के दौरान बीच राह में हुई पीड़ा को भूलकर प्रवासी श्रमिकों ने न सिर्फ देवघर जिला प्रशासन के स्तर से जसीडीह स्टेशन पर बहाल की गई व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता जताई बल्कि कईयों के आंख से आंसू तक झलक गए। दुमका के रहने वाले श्याम हेंब्रम ने कहा कि लॉकडाउन के कारण दहशत में थे। जसीडीह पहुंचने पर लगा की यह अपनी धरती है। जसीडीह स्टेशन पर देवघर प्रशासन की ओर से किये गए व्यवस्था से खुश श्याम ने डबडबाई आंखों से कहा कि सही में अपना घर अपना ही होता है। जब गोवा से निकले थे तो सौतेलापन का एहसास हो रहा था और यहां उतरते ही अपनी माटी की खुशबू का एहसास हो रहा है। दुमका के ही बिरेन हांसदा ने कहा कि स्टेशन पर नाश्ता, खाना और पानी मिला तो राहत मिली। कहा कि खाने का कौर मुंह में डालते हुए कहा कि इसका स्वाद घर जैसा है। दरअसल जसीडीह रेलवे स्टेशन पर देवघर जिला प्रशासन की ओर से आने वाले श्रमिक ट्रेनों एवं यहां उतरने वाले श्रमिकों को देखते हुए व्यापक व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेलवे स्टेशन परिसर को पूरे तरीके सैनिटाइज्ड किया जा रहा है। शारीरिक दूरी व बैरिकेडिग का खास ध्यान रखा जा रहा है। प्रशासन की ओर से यहां विधि-व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, सुरक्षाकर्मी के अलावा चिकित्सकों की भी टीम मुस्तैद रहती है। यहां उतरने वाले श्रमिकों को गुणवत्तापूर्ण खाना, पानी और इसके उपरांत गतंव्य तक जाने के लिए सैनिटाइज्ड बस की व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर तैयार रहती है। प्रशासन के अलावा यहां कई स्वयंसेवी संगठन भी श्रमिकों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं ताकि प्रवासी मजदूरों को कोई परेशानी नहीं हो।