नकली मोबाइल कारोबार में गई शाजीबुल की जान
संवाद सूत्र, सारवां (देवघर) : महज मोबाइल फोन के लिए शुभम ¨सह ने शाजीबुल शेख की हत्या कर
संवाद सूत्र, सारवां (देवघर) : महज मोबाइल फोन के लिए शुभम ¨सह ने शाजीबुल शेख की हत्या कर दी था। कांड का 48 घंटों के ही अंदर ही शाजीबुल हत्याकांड का खुलासा कर लिया गया है। पहले उसे सात बोतल बीयर पिलाई गई। नशे में आने के बाद आरोपित ने शर्ट से उसका गला दबा दिया। हत्या करने के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए शव को कुएं में फेंक दिया। हेलमेट व जूता भी कुएं में फेंक दिया। शाजीबुल की बाइक छोड़कर आरोपित अपने घर चला गया। 10 नवंबर को हत्या की गई थी और शव 13 नवंबर को कुआं से बरामद किया गया। कुंडा थाना में सारवां अंचल के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ¨सह ने पत्रकारों को बताया कि कांड का खुलासा करने में तकनीकी टीम की काफी अहम भूमिका रही है। टीम की सीडीआर से हत्याकांड का पटाक्षेप किया गया है।
क्या है घटनाक्रम : सारवां थाना क्षेत्र स्थित महतोडीह गांव के समीप रहिया बहियार के समीप एक कुएं से शव बरामद किया गया था। शव की पहचान रेड रोज स्कूल के 12वीं कक्षा का छात्र मुर्शिदाबाद जिले के हड़ीयारपाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत भवानीपुर निवासी 17 वर्षीय शाजीबुल शेख के रूप में की गई थी। वह सत्संग मोहल्ला स्थित एक लॉज में रहकर पढ़ाई करता था। मामले को लेकर शाजीबुल के चाचा हातिम अंसारी के बयान पर मामला दर्ज किया गया था। उसमें महातोडीह शुभम ¨सह को आरोपित बनाया गया है। बाद में आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपित ने जुर्म स्वीकार कर लिया। उसके निशानदेही पर पुलिस ने शव बरामदगी स्थल से करीब आधा किलोमीटर दूर रहिया बहियार के समीप मैदान से छात्र का जींस पैंट बरामद किया। वहीं पर बीयर की टूटी बोतल भी बरामद की गई। बाद में आरोपित के घर से दो मोबाइल फोन बरामद किया गया। नारंगी कदम नदी पुल के समीप झाड़ी से शाजीबुल का मोबाइल फोन बरामद किया गया।
कुछ दिन पहले बनाई थी हत्या की योजना : शाजीबुल ने जब मोबाइल फोन के लिए अपना बकाया 22400 रुपये की मांग करने लगा था तो आरोपित ने पैसा नहीं देने की नीयत से हत्या करने की योजना बना दी। योजना के तहत उसे पैसे देने के अकेले सारवां बुलाया लेकिन जब शाजीबुल अपने साथ के साथ आरोपित के पास घटना के दो दिन पहले उसके जाने लगा। इसकी जानकारी होने पर आरोपित ने उसे किसी अन्य दिन आने को कहा। आरोपित बार-बार उसे पैसे लेने के लिए अकेले बुला रहा था।
लॉज में रहने के दौरान हुई थी पहचान : आरोपित संत जेवियर स्कूल का पूर्व में छात्र रहा था। इसी दौरान करनीबाद स्थित ठाढ़ी गली स्थित ग्रीनलैंड स्कूल के समीप रहता था। इसी दौरान शाजीबुल से उसकी पहचान हुई थी। बाद में वह पढ़ाई छोड़कर सारवां चला गया और शाजीबुल दूसरे लॉज में रहने चला गया, लेकिन दोनों के बीच बातचीत होती रही। पुलिस के अनुसार शाजीबुल कोलकाता से बड़ी कंपनी का मोबाइल लाकर बेचता था। हालांकि पुलिस मोबाइल फोन को नकली बता रही है।
पूर्व में भी हत्या में शामिल रहा था शुभम : इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ¨सह ने अनुसार जहां से शाजीबुल का शव बरामद किया गया है, उसी स्थान पर दो साल पूर्व भी दो और शव बरामद किए गए थे। उसमें भी शुभम ¨सह व उसके परिवार का हाथ रहा था। आरोपित के परिवार का अपराधिक इतिहास रहा है। मोबाइल लाने व बचने को लेकर एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। पुलिस उस गिरोह का खुलासा करने पर काम कर रही है। एसडीपीओ के नेतृत्व में बनी टीम : एसपी नरेंद्र कुमार ¨सह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम का गठन किया। टीम में सारवां अंचल के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ¨सह, एसआइ अवधेश बाड़ा, एएसआइ बेचन पासवान सहित तकनीकी शाखा के कर्मी शामिल थे।
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वर्जन...
पैसे नहीं देने की नीयत से शुभम ने शाजीबुल को योजना के तहत वहां बुलाकर हत्या को अंजाम दिया। पूरी टीम एफआइआर दर्ज होने के महज 24 घंटे के बाद ही घटना को पूरी तरह से खुलासा कर लिया। पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी है।
विकास चंद्र श्रीवास्तव, एसडीपीओ, देवघर