चिकित्सक की अनुपलब्धता से पशुपालक परेशान
पालोजोरी प्रखंड की आबादी लगभग एक लाख 65 हजार है। प्रखंड क्षेत्र की अधिसंख्य आबादी कृषि व पशुपालन पर निर्भर है।
पालोजोरी : पालोजोरी प्रखंड की आबादी लगभग एक लाख 65 हजार है। प्रखंड क्षेत्र की अधिसंख्य आबादी कृषि व पशुपालन पर निर्भर है। अधिसंख्य घरों में गाय, बैल, भैंस, भेड़ व बकरी सहित कई अन्य जानवर पाले जाते हैं लेकिन दुखद परिस्थिति यह कि जब जानवर बीमार पड़ते हैं तो इसका इलाज झोलाछाप चिकित्सकों से कराने की लाचारी होती है। ऐसी बात भी नहीं कि प्रखंड मुख्यालय में पशु चिकित्सालय नहीं है। चिकित्सालय तो है लेकिन चिकित्सक नदारद है। पूर्व में सारठ के पशु चिकित्सा पदाधिकारी माइकल सोरेन सप्ताह में दो दिन पालोजोरी आते भी थे लेकिन जब से एक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति पालोजोरी पशु चिकित्सालय में हुई है तब से सारठ चिकित्सा प्रभारी कभी-कभी ही पशु चिकित्सालय आते हैं। वहीं पालोजोरी पशु चिकित्सा पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति जब से पालोजोरी में हुई है तब से वे भी कभी-कभी ही दिखाई देते हैं। पशुपालक राजेश यादव, राजेंद्र यादव, बहादुर यादव, राकेश बाउरी का कहना है जब पशु बीमार पड़ते हैं तो बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इलाज के अभाव में जानवरों की मौत हो जाती है। पशुपालकों ने अविलंब यहां पशु चिकित्सक उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी देवघर नेली ग्रेसी टोप्पो ने कहा कि पालोजोरी चिकित्सक अपने कोर्ट के काम से रांची गए हैं। पहले भी शिकायत मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी।