जेल अदालत में बंदियों को प्ली बार्गे¨नग की दी गई जानकारी
देवघर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को केंद्रीय कारा परिसर में जेल
देवघर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को केंद्रीय कारा परिसर में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बंदियों को प्ली बार्गे¨नग सहित कई अन्य कानून से संबंधित बातों की जानकारी दी गई। मौके पर डालसा के सचिव स¨चद्र कुमार बिरूवा ने बताया कि प्ली बार्गे¨नग एक स्वैच्छिक और समझौतावादी प्रक्रिया है। इसके तहत आपराधिक मुकदमों का निपटारा आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया जाता है। इसके तहत तहत वैसे मामलों की सुनवाई की जाती है जिसके अधिकतम सजा 7 साल से कम हो। इसमें त्वरित मामले का निष्पादन किया जाता है। कहा कि इसमें समझौता को एक बार स्वीकृत कर लिए जाता है तो पुन: इसके खिलाफ अपील भी नहीं की जा सकती। जिस आरोपित की आयु 18 साल या उससे ज्यादा हो वही प्ली बार्गे¨नग के लिए अर्जी दाखिल कर सकता है, मगर उसकी सजा 7 साल से कम होना चाहिए। प्ली बार्गे¨नग के द्वारा दोनों पक्षों की रायशुमारी के बीच समझौता होता है, जिसमें दोनों पक्षों के वकील, जांच अधिकारी मौजूद रहते है और दोनों पक्षों से हस्ताक्षर कराया जाता है। जिससे आरोपित को एक चौथाई या उससे भी कम सजा दी जाती है, या कई आरोपितों को उसकी गलती का एहसास कराकर छोड़ दिया जाता है। वहीं वरीय अधिवक्ता राजकुमार शर्मा ने भी बंदियों को डालसा से मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया। अधिवक्ता सत्यनारायण पांडेय ने शिक्षा अधिकार अधिनियम, नैतिक शिक्षा, दहेज प्रतिषेध अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया। मौके पर न्यायिक दंडाधिकारी अजय विशु ¨मज, अंजू कुमारी ¨मज, अनामिका किस्कु, निर्मल कुमार महथा, प्रभारी जेलर मनोज कुमार गुप्ता, डालसा कर्मी संजय कुमार सिन्हा, प्रदीप कुमार, पीएलवी राजकुमार साह सहित अन्य मौजूद थे। वहीं अनुमंडलीय विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में मधुपुर उपकारा में जेल अदालत सह विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। मौके पर रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार प्रजापति व प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गौतम गो¨वदा ने उपकारा में बंद सभी कैदियों का कानून से संबंधित कई बातों की जानकारी दी। मौके पर अधिवक्ता प्रणय कुमार सिन्हा, राजकुमार भगत सहित अन्य मौजूद थे।