खुद को रोगमुक्त कर दूसरों को बना रहे सेहतमंद
Yoga in Devghar. योग करने से हर्निया की बीमारी खत्म हो गई। बाल उड़ने की समस्या भी दूर हो गई। अब ये रोज लोगों को योगाभ्यास कराकर समाज को स्वस्थ बनाने में जुटे हैं।
जागरण संवाददाता, देवघर। बैद्यनाथ की नगरी देवघर योग व तप की भूमि है। शहर के चारों और योग व आस्था का अद्भुत संयोग है। अहले सुबह से यहां योग, ध्यान, प्राणायाम की गतिविधियां जारी रहती हैं। इसी कड़ी से जुड़ा है शहर के चौक पर स्थित बजरंगबली मंदिर के ठीक सामने पंतजलि का योग शिविर। प्रतिदिन यहां योगाभ्यास व प्राणायाम करने हर उम्र के लोग पहुंचते हैं। यहां पंताजलि की एक प्रतिमा भी स्थापित है, जो सबको अपनी ओर आकर्षित करती है।
यहां के युवा योग प्रशिक्षक संजय प्रसाद के मुताबिक, प्रतिदिन दर्जनों महिला व पुरुष योगाभ्यास के लिए आते हैं। वे यहां दो वर्ष से प्रशिक्षक की भूमिका में हैं। पहले वे खुद हर्निया से पीड़ित थे। चिकित्सकों की सलाह पर ऑपरेशन कराया लेकिन ठीक होने के बजाए दोबारा ऑपरेशन की नौबत आ गई। फिर योग की शरण में पहुंचा। इससे हर्निया की बीमारी खत्म हो गई। बाल उड़ने की समस्या भी दूर हो गई। अब रोज लोगों को योगाभ्यास कराकर समाज को स्वस्थ बनाने में जुटे हैं। स्वस्थ्य समाज का सपना तभी साकार होगा जब युवा पीढ़ी योग से संगत करें।
योग से वजन घटाने में हुए सफल : सुरेश्वर
सुरेश्वर प्रसाद सिंह प्रतिदिन यहां योगाभ्यास करने आते हैं। कहा कि उनका वजन बढ़कर 102 किलो हो गया था। इससे काफी परेशानी में थे। योग व प्राणायाम की शरण में आए और अब वजन घटकर 73-74 किलो हो गया है। घुटने में चोट के कारण दर्द से परेशान थे लेकिन योग की वजह से अब दर्द भी गायब हो चुका है। इससे पूर्व दर्द को दूर करने के लिए तकरीबन 28 से 30 हजार रुपए खर्च कर चुके थे लेकिन उससे कोई फायदा नहीं मिला। योग अपना कोई भी व्यक्ति स्वस्थ व निरोगी रह सकता है यह तय मानिए।
पथरी की बीमारी से मिली राहत: विजय
इसी शिविर के प्रशिक्षक विजय प्रसाद राय कहते हैं कि पहले वह खुद गैसटिक और पथरी की बीमारी से परेशान थे। एक दशक पूर्व जब योग से जुड़े तो यह यकीन नहीं था कि इन बीमारियों से योग के कारण राहत मिल सकेगा। लेकिन यकीन मानिए, योग की वजह से इन बीमारियों से राहत मिली है। इसके बाद पीछे मुड़कर देखने के बजाए हरिद्वार जाकर योग प्रशिक्षण लिया और फिर बीते छह वर्षों से देवघर में योग की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने में जुटे हैं। योग की वजह से ही तनाव से भी मुक्ति मिली है।
उच्च रक्तचाप से मिली राहत : वंदना
वंदना मोदी उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्राल के बढ़ने से परेशान थीं। दवा पर जीवन व्यतीत कर रहीं थीं। इसके बाद जानकारी मिली तो योग शिविर आना शुरु कीं। अब वंदना को इन दोनों बीमारियों को काफी राहत है। कहती हैं कि दवा को डोज बंद हो चुका है। कहा कि जानकारी के अभाव में लोग योग से नहीं जुड़ पा रहे हैं। जरूरी है कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो ताकि अधिक से अधिक लोग योग से जुड़ सकें।
इस्नोफिलिया से मिली निजात : रामेश्वर
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी से सेवानिवृत्त पदाधिकारी रामेश्वर मोदी इसनोफिलिया के प्रभाव से काफी परेशान थे। इसकी वजह से काफी निराश और हताश हो गए थे। फिर योग की शरण में आए और उज्जई प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभांति और भ्रामरी के जरिए पूरी तरह से खुद को स्वस्थ्य करने में सफल हुए हैं। रामेश्वर कहते हैं कि अब जीवन बिल्कुल बदल गई है योग की वजह से जीवन पूरे आनंद में बीत रहा है। सबको योग अपनाने की दरकार है।
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