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देवघरः बाबा बैद्यनाथ मंदिर का सोना रिजर्व बैंक में होगा जमा

मंदिर प्रशासन उस पौराणिक परंपरा को भी लौटाने पर विचार कर रहा है जो सरदार पंडा भवप्रीतानंद ओझा के समय तक चली थी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 01:24 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 03:56 PM (IST)
देवघरः बाबा बैद्यनाथ मंदिर का सोना रिजर्व बैंक में होगा जमा
देवघरः बाबा बैद्यनाथ मंदिर का सोना रिजर्व बैंक में होगा जमा

देवघर, आरसी सिन्हा। देवघर का बाबा बैद्यनाथ मंदिर देश का पहला मंदिर होगा, जहां चढ़ावे के रूप में आया स्वर्ण आभूषण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) में जमा होगा। अब तक दान के रूप में जितना सोना आया है और मंदिर के कोषागार में रखा है, उसे जल्द ही आरबीआइ में जमा करा दिया जाएगा। मंदिर प्रशासन इसकी तैयारी में जुट गया है। आरबीआइ ने कई दफा इसके लिए मंदिर के ट्रस्ट से अपील भी की है।

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दरअसल देवघर मंदिर प्रशासन का मानना है कि रिजर्व बैंक के पास सोना सुरक्षित रहेगा। तिरुपति मंदिर, साईं मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर समेत कई मंदिरों के ऐसे ट्रस्ट हैं जहां अकूत संपत्ति जमा है जो चढ़ावे में आयी है।

48 साल बाद सोना-चांदी के पात्र से होगी बाबा की पूजा

मंदिर प्रशासन उस पौराणिक परंपरा को भी लौटाने पर विचार कर रहा है जो सरदार पंडा भवप्रीतानंद ओझा के समय तक चली थी। वह नवरात्र के समय सोना-चांदी के पात्र में सजी पूजन सामग्री से विशेष पूजा करते थे। उनके बाद यह व्यवस्था समाप्त हो गई। प्रशासन के जिम्मे मंदिर आ गया। प्रशासन ने पूजन पात्र को सुरक्षा के ख्याल से देवघर कोषागार में बंद कर दिया। अब वह व्यवस्था लौटने वाली है।

बाबा मंदिर में 1970 तक थी पुरानी व्यवस्था

11 मार्च, 1970 को बाबा मंदिर के नौवें सरदार पंडा भवप्रीतनानंद ओझा के निधन के बाद बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड ने अधिसूचना जारी की कि जब तक सरदार पंडा का उत्तराधिकारी नहीं होगा तब तक दुमका के उपायुक्त इसकी देखरेख करेंगे। 1983 में देवघर जिला बना। इसके बाद देवघर उपायुक्त पर देखरेख का जिम्मा आ गया। चूंकि सरदार पंडा का उत्तराधिकारी वंशानुगत था सो परिवार की लड़ाई कोर्ट में चली गई। 2017 में इसका फैसला आया। छह जुलाई 2017 को दसवें सरदार पंडा के तौर पर गुलाबनंद ओझा को गद्दी पर बिठाया गया। छोटे से कार्यकाल के बाद 22 मई को उनका निधन हो गया। तीन जून को उनके बड़े पुत्र गुलाबनंद ओझा को उत्तराधिकारी बनाया गया।

बाबा मंदिर को दान में अब तक मिले सोना-चांदी के आभूषण का आकलन किया जा रहा है। स्वर्ण आभूषणों का सोने का बिस्कुट बनाया जाएगा और उसे रिजर्व बैंक में जमा कराया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से भी यह बेहतर होगा। श्रइन बोर्ड प्रस्ताव बनाकर भेज रहा है। सोना-चांदी के पात्र से बाबा की पूजा की व्यवस्था को भी लागू कराने का प्रयास किया जा रहा है।
-राहुल कुमार सिन्हा, उपायुक्त। 

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