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देवघर के मलहारा में पूरे साल होगी फूलों की खेती, योजना तैयार

फूलों की खेती को बढ़ावा देने के मकसद से प्रशासन ने एक योजना तैयार की है। इसके तहत यहां पूरे साल फूलों की खेती होगी और वहां के लोग आत्मनिर्भर बनकर अपने रोजगार को आगे बढ़ाएंगे।

By Edited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 04:52 PM (IST)
देवघर के मलहारा में पूरे साल होगी फूलों की खेती, योजना तैयार
देवघर के मलहारा में पूरे साल होगी फूलों की खेती, योजना तैयार

जागरण संवाददाता, देवघर। मलहारा में फूलों की खेती को बढ़ावा देने के मकसद से प्रशासन ने एक योजना तैयार की है। इसके तहत यहां पूरे साल फूलों की खेती होगी और वहां के लोग आत्मनिर्भर बनकर अपने रोजगार को आगे बढ़ाएंगे। अभी तक पानी के अभाव में केवल छह महीने ही खेती हो रही थी।

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15 लाख की डीपीआर तैयार
विगत दो-तीन दशकों से फूलों की खेती व्यापक पैमाने पर की जा रही है। उत्पादित फूल का कारोबार बाबा बैद्यनाथ मंदिर से जुड़ा है। यहां के किसानों की आय दो गुणी करने के लिए 15 लाख की डीपीआर बनाकर पर्यटन संर्वद्धन समिति के समक्ष रखकर इसके आवंटन की मांग भी सरकार से की गयी है। दरअसल, पिछले महीने उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने इस गांव का निरीक्षण कर यहां के लोगों से बातचीत कर उनकी आमद को बढ़ाने तथा स्थायी रोजगार मिलने के मकसद से इस दिशा में सहयोग का आश्वासन दिया था।

मुख्य सड़क से जुड़ेगा गांव
फूलों की खेती को विकसित करने के लिए दीर्घकालीन योजना की प्राक्कलित राशि 15,23,200 रुपये है। इसके अलावा आरईओ द्वारा मलहारा गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए पथ निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है।

रोड बनने से श्रावणी मेले में भी सुधरेगी व्यवस्था
मलहारा में फूलों की खेती से संबंधित व्यवसाय तथा मधुपुर प्रखंड अंतर्गत बुढ़ई गांव में लोहारगिरी व्यवसाय के आधारभूत सुविधा के तहत पथों के निर्माण की डीपीआर तैयार की गई है। इसके अनुसार, प्राक्कलित राशि 346.309 लाख है। मोहनपुर प्रखंड के मलहारा स्टेट बैंक मोड़ से डुमरथर मोड़ भाया मलहारा ग्राम पथ (5.50 किमी) है। दूसरा 23.52 लाख रुपये की लागत से मधुपुर प्रखंड अंतर्गत बुढ़ैई में लोहारगिरी शेड पहुंच पथ (5.50 मीटर लंबा) का निर्माण किया जाना है। इन पथों का निर्माण श्रावणी मेले के दृष्टिकोण से भी अतिमहत्वपूर्ण है, क्योंकि श्रावणी मेले के दौरान अप्रत्याशित वाहन के आवागमन की स्थिति में इस पथ का प्रयोग बाइपास रोड के रूप में किया जाता है।


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