Move to Jagran APP

30 लाख सालाना देकर टमाटर ने बनाया समृद्ध

गण के तंत्र समृद्धि फोटो078 - 300 एकड़ में कर रहे टमाटर की खेती दो करोड़ का टर्न

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 04:34 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 04:34 PM (IST)
30 लाख सालाना देकर टमाटर ने बनाया समृद्ध
30 लाख सालाना देकर टमाटर ने बनाया समृद्ध

गण के तंत्र : समृद्धि

loksabha election banner

फोटो07,8

- 300 एकड़ में कर रहे टमाटर की खेती, दो करोड़ का टर्न ओवर

- तीन सौ लोगों को मिल रहा रोजगार कंचन सौरभ मिश्रा, देवघर : देवघर के मोहनपुर प्रखंड में एक गांव है बुढ़वाकुरा। जिसकी माटी ने टमाटर के रूप में ऐसा सोना उगला है कि किसान शक्ति मोहतो फर्श से अर्श तक पहुंच गए हैं। इन्होंने टमाटर की खेती व उसमें अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने को ही जिदगी का मकसद बना लिया है। एक समय वह था जब उनके पास एक साइकिल थी। वृहद स्तर पर टमाटर की खेती क्या शुरू की, घर में समृद्धि छा गई। हर साल करीब 30 लाख रुपये की आमदनी हो जाती है। घर में 11 बाइक, एक स्कार्पियो, तीन ट्रैक्टर, तीन पिकअप वैन और 50 पंपिग सेट है। सौ देसी गायों का खटाल भी है। करीब 300 ग्रामीणों को टमाटर की खेती में रोजगार दे चुके हैं। टमाटर टूटना शुरू होता है तो काम करने वालों का आंकड़ा 600 तक पहुंच जाता है।

शक्ति बताते हैं कि टमाटर की खेती ने राज्य में पहचान दी है। सरकार के स्तर से भी इसकी सराहना की गयी है। अब तो सरकारी सहयोग भी मिलने लगा है। एक दशक पहले अपनी पांच एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती शुरू की थी। आज 300 एकड़ में कर रहे हैं। इसमें अधिकांश जमीन बंजर है। जिस पर घास तक नहीं उगती थी। उस पर टमाटर के पौधे लहलहाते हैं। छह माह टमाटर की खेती करते हैं। दो हजार टन तक उपज हो जाता है। दो करोड़ का टर्न ओवर आराम से होता है। सारा खर्च निकाल देते हैं तो 30 लाख बचत होती है।

दूसरे किसानों से सब्जी लेकर बेचते थे बाजार में : पहले शक्ति अपने खेतों में खेती करते थे। बेटे दूसरे किसानों की सब्जी बाजार में ले जाकर बेचते थे। एक बार बेटों को सब्जी देने में कुछ किसानों ने ना नुकुर की। चोट मन को लगी तो खुद टमाटर की खेती की ठान ली। 2011 में 60 बीघा जमीन गांव के लोगों से दस वर्ष के लिए लीज पर ली। अधिकांश बंजर थी इसलिए बड़े आराम से मिल गई। गोबर डालकर खेती योग्य बनाया। सफलता मिली तो और जमीन ली। इस समय शिवनगर, घोरजनी, भंडारो, नागदह, मढि़याडीह, नकटी, नागपुर व बुढ़वाकुरा गांव में 300 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। हालांकि हाल के दिनों में कुछ और जमीन पर खेती करने की योजना बना ली गयी है।

--

टमाटर की बढ़ती जा रही मांग : शक्ति का टमाटर कोलकाता, सिलीगुड़ी, बिहार, उत्तर प्रदेश तक जाता है। समय पर आपूर्ति व वचन के पक्के होने के कारण उनकी इस कारोबार में धाक जम चुकी है। टमाटर की बाकायदा सात जगह पैकिग होती है। शक्ति के पांच बेटे हैं। इनमें से तीन मोहन, ज्ञानी व रोहित खेती में हाथ बंटाते हैं। छोटू की नौकरी पुलिस में हो गई है तो सिकंदर पारा शिक्षक हैं। खेत में काम करने वाली नागदह गांव की मकु हांसदा, मालोती किस्कू, सलोनी किस्कू, हीरामनी किस्कू कहती हैं कि पहले वे नौकरी करने बिहार-बंगाल जाती थीं। घर के पास खेतों में काम मिल गया है। हर महीने पांच हजार रुपये की आमदनी हो जाती है। इससे हमारे परिवार का अर्थतंत्र बेहतर हो गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.