विकास के मुद्दों पर नेता या जनप्रतिनिधि नहीं करते चर्चा
टॉवर चौक के समीप है देवघर नगर थाना। नगर थाना के सामने बंगाली मंडल चाय की दुकान आजकल राजनीतिक चकल्लस से गुलजार रहती है। सुबह हो या शाम यहां जुटने वाले लोग विधानसभा चुनाव को लेकर खूब चर्चा करते हैं।
देवघर : टॉवर चौक के समीप है देवघर नगर थाना। नगर थाना के सामने बंगाली मंडल चाय की दुकान आजकल राजनीतिक चकल्लस से गुलजार रहती है। सुबह हो या शाम यहां जुटने वाले लोग विधानसभा चुनाव को लेकर खूब चर्चा करते हैं। गुरूवार की सुबह चाय की चुस्कियों में डूबे जितेंद्र पंडित कहते हैं कि हर पांच साल में चुनाव आता है। चुनाव के समय ही मतदाताओं को जनप्रतिनिधियों में खामियां नजर आती हैं। पांच साल तक मौन रहने के बाद जब वोट के लिए भोंपू का शोर सुनाई देता है तब ये जागते हैं और अपने हक-अधिकार व विकास की बातें करते हैं। आमजन के इसी मानसिकता का ही लाभ जनप्रतिनिधि उठाते हैं। कहा कि वर्तमान में तो सबसे ज्यादा जरूरी है कि स्थायी सरकार का गठन और इसके लिए ही मतदाताओं को सोचना चाहिए। ओम प्रकाश ने कहा कि जब से झारखंड बना है सबसे पहला स्थिर सरकार 2014 में ही रहा। 2019 की रणनीति के अनुसार सभी पार्टियां अपनी तैयारी करके उतरी हैं। योग्य उम्मीदवार चुनना आसान है। मतदाताओं के लिए हर विकल्प खुला है। राजीव सिंह कहते हैं कि विकल्प जैसा भी हो बस एक मजबूत सरकार बने जो राज्य का समग्र विकास कर सके। अजीत कुमार ने कहा कि विकास के नाम पर नेताओं ने हमेशा आम जनता को लूटने का काम किया है। हर चुनाव में विकास ही मुद्दा नहीं हो सकता है। विकास के साथ कई एक ऐसे मुद्दे हैं जिस पर कभी भी कोई उम्मीदवार या नेता चर्चा नहीं करते हैं। आज भी शिक्षा स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में सुविधाएं पूरी तरह से चरमराई हुई है। लोग बेरोजगारी की मार से परेशान हैं। महंगाई इतनी बढ़ गई है की सब्जी तक खाना दुश्वार हो रहा है। ऐसे में जो प्रत्याशी महंगाई पर लगाम लगाएगा या महंगाई के लिए लड़ेगा हमारा वोट उसी को जाएगा। कहा कि अच्छे दिन आएं या नहीं लेकिन एक बात तो तय है कि इस बार चुनाव काफी दिलचस्प होने जा रहा है।