धर्मसभा में बनी धर्मांतरण रोकने की रणनीति
देवघर माना जाता है कि वनवासियों के आराध्य देवों में एक महादेव व मईया पार्वती भी हैं। पिछ
देवघर : माना जाता है कि वनवासियों के आराध्य देवों में एक महादेव व मईया पार्वती भी हैं। पिछले कई सालों से गिरि वनवासी कल्याण परिषद के बैनर तले गिरि वनवासी सामूहिक रूप से बाबा बैद्यनाथ व मईया पार्वती की पूजा करने आ रहे हैं।
गुरुवार को देवघर पहुंचे तकरीबन 1400 वनवासियों ने बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक किया। हर साल होने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य भी यही है कि वनवासियों के धाíमक आस्था को इस कदर मजबूत कर दिया जाए कि छोटे-मोटे प्रलोभन इनको डिगा नहीं पाएं। धर्म सभा में धर्मांतरण रोकने की रणनीति पर चर्चा हुई। टोलियों का गठन भी किया गया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए झारखंड प्रांत संगठन मंत्री सत्येंद्र सिंह ने कहा कि संताल जनजाति, मरांग बुरू के नाम से बाबा बैद्यनाथ की पूजा करते हैं। लेकिन आज कुछ विदेशी शक्तियों द्वारा जनजाति समाज और हिदू समाज में विद्वेष फैलाने का काम किया जा रहा है। वनवासी कल्याण परिषद तू मैं एक रक्त के भाव से काम करता है। धर्म व संस्कृति की रक्षा करते हुए इस जनजाति समाज का विकास करना परिषद का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कालांतर में अंग्रेजों व मुस्लिम शासन में इनका जमकर शोषण हुआ। इनके धर्म व संस्कृति पर प्रहार किया गया। वनवासी समाज की सुरक्षा के लिए परिषद काम करता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में 18107 वनवासियों के गांव में हैं, जिसमें 10454 में परिषद इनके धर्म, संस्कृति व इनकी परंपरा की सुरक्षा कर रहा है। जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजकिशोर हांसदा ने कहा कि जनजाति समाज ही असली हिदू है। राम-लक्ष्मण का तीर-धनुष व कृष्ण की बांसुरी यही समाज व्यवहार में लाता है। धर्म सभा की अध्यक्षता नगर अध्यक्ष प्रदीप बाजला ने की। इसे सफल बनाने में नगर सचिव घनश्याम टिबड़ेवाल, कोषाध्यक्ष अशोक सर्राफ, उपाध्यक्ष ममता गुप्ता, राजीव सिंह, संजय बाजला, पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री काíतक नाथ ठाकुर व विजया सिंह आदि ने अहम भूमिका निभाई। इस मौके पर बड़ी संख्या में परिषद के सदस्य व गिरि वनवासी मौजूद थे।