Deoghar News: देशभर में साइबर अपराध के जरिए ठगे गए रुपयों को देवघर में पेट्रोल पंप पर किया जा रहा था कैश
Deoghar News लोगों के खाते से ऑनलाइन उड़ाई गई बड़ी रकम के इस्तेमाल का एक नया तरीका अब झारखंड के देवघर में नजर आया है। मामले की परत खुलने पर रांची से देवघर आई सीआइडी की टीम ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, देवघर: अबतक आपने यह तो सुना ही होगा कि साइबर ठग दूसरों के कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग कर लेते हैं, लेकिन खाते से उड़ाई गई बड़ी रकम के इस्तेमाल का एक नया तरीका अब झारखंड के देवघर में नजर आया है। मामले की परत खुलने पर रांची से देवघर आई सीआइडी की टीम ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। सीआइडी की जांच के अनुसार, साइबर ठगी के जरिए उड़ाई गई बड़ी रकम को झारखंड के देवघर में एक पेट्रोल पंप पर कैश किया जा रहा था। अबतक के अनुसंधान के अनुसार, ऑनलाइन उड़ाए गए करीब 62 लाख रुपये इस पेट्रोल पंप से कैश किए गए।
मामला खागा थाना क्षेत्र के बगदाहा मोड़ के पास स्थित चंद्रवंशी पेट्रोल पंप का है। पकड़ा गया आरोपित टिंकू रवानी इस पेट्रोल पंप का मैनेजर है। अपराध अनुसंधान विभाग रांची की टीम ने देवघर के सारठ थाना क्षेत्र से सारठ थाना व साइबर थाना देवघर की पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार किया। आरोपित सारठ थाना क्षेत्र के कोयरीटाेला गांव का रहने वाला है।
दो महीने में 62 लाख रुपये को ब्लैक से व्हाइट में कर दिया कनवर्ट
आरोप है कि चंद्रवंशी पेट्रोल पंप से इस वर्ष मई व जून माह में साइबर ठगी से जुटाए गए 62 लाख रुपये से अधिक को ब्लैक से व्हाइट में कनवर्ट किया गया। यह रकम देशभर में हुई हेराफेरी से जुड़ी है। इस बारे में देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस द्वारा सीआइडी को जानकारी मिली है। जांच में यह रकम और अधिक बढ़ने का अनुमान है। इस मामले में सीआइडी की टीम ने पहले ही साइबर अपराध के गढ़ जामताड़ा जिले के बिंदापाथर थाना क्षेत्र के जगरनाथपुर गांव निवासी विष्णु गोराई व देवघर जिले में सारठ थाना क्षेत्र के कोयरीटोला गांव निवासी नारायण कुमार को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अब टिंकू को पकड़ा गया है। पकड़े गए आराेपितों के पास से तीन मोबाइल, चार सिम, तेल भरने का 23 गैलेन, स्मार्ट कार्ड से तेल खरीदारी से संबंधित तीन लाख का रसीद व अन्य मामलों में अवैध निकासी से जुड़े साक्ष्य बरामद किए गए हैं।
ऐसे कर रहे थे हेराफेरी
साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फांसते हैं। स्क्रीन शेयरिंग एप या मोबाइल पर लिंक भेजकर यह लोगों के खाते से बड़ी रकम उड़ा लेते हैं और अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं, लेकिन इस पैसे को खाते से निकालकर इस्तेमाल करना इनके लिए भी चुनौती है। इसी काम में इस पेट्रोल पंप का इस्तेमाल किया जा रहा था। बताया जाता है कि ऑनलाइन ठगे गए रुपये से फर्जी फ्लीट कार्ड के जरिए पेट्रोल-डीजल की खरीदारी कर इसे बेचा जा रहा था और फिर इससे मिली नकदी को ठगी में शामिल सभी अपराधी आपस में बांट लेते थे। बीपीसीएल के स्मार्ट फ्लीट कार्ड को फर्जी नाम, पता, वाहन संख्या व मोबाइल नंबर पर रजिस्टर कराया जाता था और इसी से बड़ी मात्रा में खरीदे गए तेल का अवैध रूप से गैलन में भंडारण कर उसे ऊंचे दामों में बेचा जाता था। इस तरह अवैध रूप से अर्जित काले धन की हेराफेरी की जा रही थी। इसमें पेट्रोल पंप के मैनेजर टिंकू रवानी की बड़ी भूमिका थी।
लोगों से ऐसे की जाती है ठगी
आमतौर पर साइबर ठग खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बता लोगों को बिजली बिल बकाया होने और भुगतान नहीं होने पर लाइन काट देने की धमकी देते हुए मैसेज भेजते हैं। फिर उपभोक्तों को झांसे में लेकर कई तरह के स्क्रीन शेयरिंग एप फोन में डाउनलोड करा देते हैं और फिर उसके जरिए उनके खाते से रुपये उड़ा लेते हैं। साइबर ठगी से जुड़ा ऐसा ही एक मामला रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र निवासी रतन कुमार गुप्ता ने साइबर थाने में दर्ज कराया था। उनका कहना था कि उन्हें बिजली बिल भुगतान नहीं करने के नाम पर झांसे में लेकर क्विक सपोर्ट एप इंस्टाल करा लिया गया और फिर उनके खाते से तीन लाख रुपये से अधिक की निकासी कर ली गई थी। उसके बाद खागा थाना क्षेत्र के चंद्रवंशी पेट्रोल पंप के मालिक की मिलीभगत से स्मार्ट फ्लिट कार्ड का इस्तेमाल कर किसी दूसरे वाहन के नाम पर तेल की बिक्री के एवज में पैसे की हेराफेरी की गई। मामला संज्ञान में आने के बाद रांची थाना की सीआइडी टीम मामले की छानबीन में जुटी है।