Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'देवघर एम्स में खुलेगा ट्रामा सेंटर, बढ़ाई जाएगी डॉक्टरों की संख्या' स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने की घोषणा

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 12:36 PM (IST)

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने घोषणा की है कि देवघर एम्स में जल्द ही एक ट्रामा सेंटर खोला जाएगा। साथ ही, एम्स देवघर में डॉक्टरों की संख्या भी ...और पढ़ें

    Hero Image

    जगत प्रकाश नड्डा। फाइल फोटो

    जागरण टीम, देवघर, देवीपुर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा शनिवार की शाम देवघर एम्स पहुंचे। यहां उन्होंने आपातकालीन सेवा की जानकारी ली। हड्डी रोग विभाग में भर्ती मरीजों से मिले।

    उन्होंने एम्स के अधिकारियों के साथ बैठक की। उसके पश्चात उन्होंने एम्स के छात्रों, चिकित्सकों व शिक्षकों काे संबोधित करते हुए कहा कि देवघर एम्स आना उनके लिए सौभाग्य की बात है। देवघर एम्स से उनका पुराना नाता है।

    उन्होंने कहा कि स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर में एम्स की मांग की थी। 2018 में कैबिनेट की बैठक में इनपर मुहर लग गयी। उन्होंने बताया कि बैठक से बाहर निकलते ही उन्होंने सांसद को फोन कर बताया कि आपका काम हो गया है प्रधानमंत्री ने देवघर एम्स के लिए मंजूरी दे दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उसके बाद धनबाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑनलाइन देवघर एम्स का शिलान्यास किया। वहीं 2022 में कोरोना कल में देवघर एम्स की शुरुआत हुई। देवघर से उनका विशेष संबंध जीवन भर रहेगा और देवघर एम्स हमेशा याद रहेगा।

    जल्द शुरू होगा ट्रामा सेंटर

    उन्होंने घोषणा किया कि सांसद ने देवघर एम्स में ट्रामा सेंटर खोलने की मांग की है। यहां जल्द ही ट्रामा सेंटर शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा और बेहतर होगी। चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों की संख्या बढ़ेगी।

    उन्होंने ये भी घोषणा कि देवघर एम्स में अब हर तरह की जांच की सुविधा शुरु करने काे कहा गया है। वहीं मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 300 से कम की सभी जांच मुफ्त किया जाएगा। इससे क्षेत्र की गरीब जनता को लाभ मिलेगी।

    वहीं, एम्स में बहाली प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए एम्स निदेशक को साल में चार बार डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ के भर्ती के लिए साक्षात्कार आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा करने से यहां स्टाफ की कमी को आसानी से दूर किया जा सकेगा।

    पटना पीएमसीएच था प्रिंस आफ वेल्स मेडिकल कॉलेज

    उन्होंने अपने संबोधन के दौरान पटना पीएमसीएच का जिक्र किया। कहा कि पहले ये प्रिंस आफ वेल्स मेडिकल कालेज के तौर पर जाना जाता था। उन्होंने कहा कि पटना पीएमसीएच से उनकी यादें जुड़ी हुई है।

    वहां उनकी बड़ी बहन पढ़ाई करती थी। वे उन्हें वहां लाने व पहुंचाने जाते थे। आज पीएमसीएच देश ही नहीं पूरे एशिया के बेहतर मेडिकल कालेज में से एक है। यहां आज 5500 बेड उपलब्ध है। बेड के हिसाब से ये सबसे बड़ा मेडिकल कालेज है।

    मेडिकल के छात्रों को पढ़ाया सेवा का पाठ

    इस दौरान उन्होंने एम्स के छात्रों काे संबोधित करते हुए कहा कि छात्र शिक्षा का अधिकार की बात करते हैं। वे जब छात्र यूनियन के नेता थे तो वे भी ये बात करते थे। लेकिन बाद में समझ में आया कि जो प्रोफेशनल शिक्षा है वह छात्रों का अधिकार नहीं बल्कि उन्हें दी जाने वाली विशेष सुविधा है। उन्होंने कहा कि एक डाक्टर को बनाने में सरकार को हर वर्ष करीब तीन लाख रुपया खर्च करना पड़ता है।

    प्रधानमंत्री ने पांच वर्ष में देश में 75 हजार मेडिकल के छात्रों के लिए सीट बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 16 हजार बढ़ाया जा चुका है। ऐसे में सरकार का खर्च भी बढ़ रहा है। छात्रों को सोचना चाहिए कि वे आगे चलकर क्या बनेंगे साथ ही ये भी सोचना चाहिए की बनकर वे समाज को क्या लाभ देंगे?

    किसी पद पहुंचने से ज्यादा जरूरी है कि उस पद पर रहकर समाज के लिए कुछ किया जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल के छात्रों की पढ़ाई काफी कठिन है और डाक्टर की डयूटी भी। कई बार डाक्टर 36-36 घंटे बिना आराम किए डयूटी करते हैं।

    वह भी बिना किसी से कोई शिकायत किए। सभी पूरे लगन के साथ अपना काम करें। लोगों को लगता है कि लोग उसकी तारीफ करें। लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है कि ऐसा काम करें, जिससे खुद को संतुष्टि प्राप्त है।

    दूसरों को नहीं खुद को अपनी काबिलियत साबित करें। उन्होंने कहा कि देश में हुनर की कोई कमी नहीं है उसका सही उपयोग किए जाने की जरूरत है। हर किसी को अपने काम से श्रेष्ठ बनने का प्रयास करना चाहिए। आप पूरी इमानदारी से अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें सफलता तो मिलेगी ही कोई रोक नहीं सकता।

    उन्होंने छात्रों से कहा कि वे तनाव में काम नहीं करें बल्कि मस्ती में अपना काम करें। काम को बोझ मानकर नहीं करें बल्कि उसका आनंद उठाएं। इससे वे बेहतर काम कर पाएंगे। देवघर में है तो यहां का आनंद उठाएं। क्योंकि 20 वर्ष बाद वे खुद कहेंगे की देवघर में मैं भी था और वे दिन कितने अच्छे थे।

    आप डिमांड करें हम पूरा करने का करेंगे प्रयास

    उन्होंने कहा कि जो भी मांग हो उसे सरकार के समक्ष रखें। मांग रखने से कोई नहीं रोक रहा। मांग होगी तो ही पूरा भी होगा। चार मांग होगी तो तीन पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। ऐसे में मांग करने से हिचकने की जरूरत नहीं है। ये ध्यान में रखना होगा देश कहां सुरक्षित है। पहले देश में एक एम्स होता था, अब 23 हैं।

    उन्होंने कहा कि देश लगातार आगे बढ़ रहा है। सोचना होगा जो अब हो रहा है वह पहले क्यों नहीं हुआ। देश की तरक्की नीति निर्धारकों की जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि सभी आश्वस्त रहें कि प्रधानमंत्री मोदी के हाथ में देश पूरी तरह से सुरक्षित है।
    एम्स में भर्ती मरीजों से मिले केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री

    जेपी नड्डा एम्स पहुंचने के बाद सबसे पहले आपातकालीन सेवा का जायजा लेने पहुंचे। यहां के हरा व पीला क्षेत्र का जायजा लिया। यहां महिला व पुरुष के लिए उपलब्ध बेड के बारे में जानकारी ली। उसके बाद अल्ट्रासाउंड मशीन को जाकर देखा। माडूलर ओटी को जाकर देखा। उसके बाद हड्डी रोग विभाग में भर्ती कुछ मरीजों से जाकर मिले। उनका हालचाल जाना। ये जानने का प्रयास किया कि उन्हें किसी तरह की सुविधा दी जा रही है।

    वे इलाज व दी जा रही सुविधाओं से खुश है यहां नहीं। उन्हें अपने बीच देख मरीज भी काफी खुश नजर आए। वहां से पहले पैदल बैठक के लिए गए। बैठक के दौरान उन्होंने एम्स में दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। यहां उन्हें एम्स के निदेशक के द्वारा एम्स के बनने व अब तक के सफर के बारे में बताया गया।

    यहां क्या विकास हुआ है और क्या चुनौतियां हैं इस बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही यहां और क्या जरूरत है इस बारे में जानकारी दी गयी। बैठक में जेपी नड्डा के अलावा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे, राज्य सभा सांसद दीपक प्रकाश, मीना मुंडा, एक्स के निदेशक डॉ. नितिन एम गोंगेने, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव प्रदीप श्रीवास्तव, अमित शर्मा, डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा, डॉ. हरमिंदर सिंह, डॉ. सत्य रंजन पात्रा, डॉ. आयसा जुही, अंकिता मिश्रा, एम्स के उप निदेशक प्रशासन अभिक दास, डॉ. वास्ता कल्याणी, देवानंद झा व अन्य उपस्थित थे। वहीं जेपी नड्डा ने एम्स के शिक्षकों व छात्रों के साथ तस्वीर भी खिंचवायी।

    एम्स आकर मिलती है अलग ही खुशी : सांसद

    सांसद डॉ. निशिकांत दूबे ने कहा कि देवघर एम्स वे न जाने कितनी बार आए हैं। यहां आने से उन्हें कितनी खुशी मिलती है बता नहीं सकते। यहां से उनका व्यक्तिगत संबंध है। उन्होंने कहा कि वे पांच भाई बहन थे। देवघर में रहकर पढ़ाई करते थे। उनकी एक बहन की मौत अच्छा इलाज मुहैया नहीं होने के कारण हो गयी।

    उसी दिन तय किया था कि अगर मौका मिला तो बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि जेपी नड्डा से एम्स की मांग की जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। देवघर एम्स उनकी बहन के लिए उनकी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि है। आज वे, उनका माता पिता और हर कोई यहां आकर बेहतर इलाज करा सकता है।