देवघर AIIMS में इमरजेंसी सेवा बहाल होते ही रांची, धनबाद जाने का झंझट खत्म
देवघर एम्स में इमरजेंसी सेवा की शुरुआत हो गई है जिसका उद्घाटन सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने किया। अब मरीजों को न्यूरो और इंटरवेंशन कार्डियो को छोड़कर अन् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देवघर। संताल परगना की धरती पर झारखंड के देवघर में एम्स की स्थापना का मकसद नया साल 2025 में पूरा होता दिख रहा है। ओपीडी और आइपीडी की सुविधा के बाद अब इमरजेंसी सेवा बहाल हो रही है। विश्व योग दिवस के अवसर पर शनिवार को मोदी सरकार के 11 साल के उपलक्ष्य पर सांसद डॉ. निशिकांत दुबे इमरजेंसी सेवा का उदघाटन करेंगे। रविवार से यह सेवा बहाल हो जाएगी।
न्यूरो और इंटरवेंशन कार्डियो को छोड़कर बाकि सभी केस एडमिट किए जाएंगे। इमरजेंसी के लिए 30 बेड रखा गया है। एम्स जैसे संस्थान में श्रावणी मेला से पहले इमरजेंसी सेवा चालू होने से शासन और प्रशासन को राहत होगी। साथ ही दूर दराज से आने वाले तीर्थयात्रियों को संकट में सही समय पर इलाज हो पाएगा। हालांकि, न्यूरो की सर्जरी दो महीना बाद शुरू होगी। न्यूरो सर्जन ने योगदान कर लिया है। सारा सेटअप लग रहा है। कार्डियो में इंटरवेंसन कार्डियो को छोड़कर सामान्य केस लिए जाएंगे।
एम्स के निदेशक डॉ. सौरभ वाष्र्णेय ने कहा कि ट्रामा सेंटर दो महीना बाद शुरू किया जाएगा। क्योंकि ब्लड बैंक को चालू होने में तीन महीना का वक्त लगेगा। केंद्रीय टीम ने अभी एक बार निरीक्षण पूरा कर लिया है। देवघर ब्लड बैंक में भी उतना रक्त नहीं है कि इस सेवा को तत्काल चालू कर लिया जाए। थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन इस साल के अंत होने से पहले सारी सुविधाएं बहाल हो जाएगी।
24 अगस्त 2021 से ओपीडी और 12 जुलाई 2022 से आइपीडी की सेवा बहाल है। ओपीडी में दो से तीन हजार मरीज को चिकित्सीय लाभ मिल रहा है। न्यूरो और कार्डियो के चिकित्सक ओपीडी में सेवा दे रहे हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञ और सीनियर फिजिसियन हैं। स्त्री व प्रसुति रोग विशेषज्ञ की चिकित्सक हैं। लगभग सभी प्रकार की जांच यहां शुरू हो गयी है। इससे मरीजों को फायदा हो रहा है। प्लास्टिक सर्जरी भी हो रही है। कैंसर के मरीजों के लिए सर्जन भी जल्द उपलब्ध होंगे।
डेक्सा मशीन हड्डियों के जांच की आधुनिक तकनीक : डॉ. सौरभ
एम्स डेक्सा मशीन
एम्स में दो दिन पहले ही अत्याधुनिक डेक्सा मशीन का शुभारंभ किया गया है। यह मशीन हड्डियों की मजबूती और बीमारियों की सटीक जांच के लिए अत्यधिक उपयोगी मानी जाती है। डेक्सा मशीन हड्डियों के खनिज घनत्व की जांच करने वाली आधुनिक तकनीक है।
यह आस्टियोपोरोसिस, फ्रैक्चर जोखिम तथा हड्डी की अन्य बीमारियों की प्रारंभिक पहचान में सहायक है। यह जांच पूरी तरह से सुरक्षित, तेज और कम विकिरण के साथ की जाती है। जो विशेष रूप से बुजुर्गों और महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है।
यह सेवा अब झारखंड, बिहार एवं आसपास के राज्यों के लाखों लोगों के लिए उपलब्ध हो पाई है। पहले ऐसी जांच के लिए मरीजों को मेट्रो शहरों की ओर जाना पड़ता था। लेकिन अब यह सुविधा एम्स में ही उपलब्ध है।

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