साइबर ठगी करते तीन युवक धराए
जागरण संवाददाता, देवघर : मोहनपुर थाना क्षेत्र के मोरने गांव से साइबर ठगी का प्रयास कर रह
जागरण संवाददाता, देवघर : मोहनपुर थाना क्षेत्र के मोरने गांव से साइबर ठगी का प्रयास कर रहे तीन साइबर अपराधियों साइबर थाना पुलिस ने बुधवार को धर दबोचा। जबकि दो भागने में सफल रहे। इनके पास से पुलिस ने तीन स्मार्ट फोन व तीन साधारण फोन बरामद किया है।
पकड़े गए अपराधियों में इरफान अंसारी, इमरान अंसारी व मनीर अंसारी शामिल है। जबकि सिराजुल व मेराज अंसारी भागने में सफल रहे। यह दोनों भी मोरने के रहने वाले हैं।
जब्त फोन की जब साइबर थाना पुलिस ने जांच की तो इसमें यूपीआइ (यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) एप के तहत भीम, यस पे, एक्सिस पे, फोन पे ¨लक्ड आदि एप के अलावा देश के विभिन्न राज्यों के विभिन्न बैंकों के बैंक एकाउंट भी मिले। साइबर डीएसपी नेहा बाला ने बताया कि पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। पांचों युवक गांव में झाड़ियों में बैठकर फोन के माध्यम से ठगी का प्रयास कर रहे थे। तीन को पकड़ लिया गया, दो भाग गए।
संगठित रूप में चल रहा साइबर अपराध
यूपीआइ दो खातों के बीच ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध कराता है। साइबर अपराधी इसी एप के इस्तेमाल ठगी के लिए कर रहे हैं। यह अपराध एक संगठित कारोबार की तरह चल रहा है। साइबर थाना पुलिस के पड़ताल में अभी तक जो सामने आया है, उसके अनुसार इस गिरोह के सदस्यों का अलग-अलग काम रहता है। कुछ मैनेजर की भूमिका में रहते हैं। जो झारखंड के अलावा देश के अन्य राज्यों में जाकर सिम व बैंक एकाउंट की व्यवस्था करते हैं।
इनके घर काफी आलीशान होते हैं, जिसमें हर तरह की भौतिक सुख सुविधा का इंतजाम रहता है। जबकि फोन पर लोगों को फंसाने वालों का जीवनस्तर थोड़ा नीचे रहता है और इनके अपराध की संख्या के आधार पर इनका भुगतान होता है। किस तरह से लोगों को फंसाना है इसका इन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है।
पुलिस की माने तो मोहनपुर थाना क्षेत्र का बांक व मोरने भी साइबर अपराध का गढ़ बनता जा रहा है। कोलकाता जेल में बंद मोरने निवासी जाकिया अंसारी इस अपराध का मास्टरमाइंड है है। मोरने के साइबर अपराधी अहजर अंसारी को घर देखकर तो लोगों की आंखें चौंधिया जाएगी।