Move to Jagran APP

एसबीआइ एप को साइबर ठग बना रहे हथियार

साइबर क्राइम करनेवालों ने अब देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थान एसबीआइ को ही निशाना बनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 07:00 AM (IST)
एसबीआइ एप को साइबर ठग बना रहे हथियार
एसबीआइ एप को साइबर ठग बना रहे हथियार

राजीव, देवघर

prime article banner

साइबर क्राइम करनेवालों ने अब देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थान एसबीआइ को ही अपने ठगी का हथियार बनाने की पहल की है। साइबर क्राइम के मास्टर माइंड ने अब एक ऐसा फ्रॉड और फेक साइट तैयार किया है जिस पर एसबीआइ ऑनलाइन केवाइसी केंद्र और लेन-देन के लिए एसबीआइ का सबसे विश्वसनीय एप योनो के लोगो का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को इसके जाल में फंसाने की जुगत लगाई है। जब इसकी भनक बैंक प्रबंधन को हुई तो एसबीआइ के उच्चाधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपने उपभोक्ताओं को न सिर्फ ऐसे साइटों को फेक बता कर सावधान रहने को कह रहे हैं बल्कि एसबीआइ के मूल साइटों की जानकारी से भी अवगत करा रहे हैं।

----------

क्या है मामला

साइबर क्राइम करने वाले जालसाजों ने एसबीआइ ऑनलाइन केवाइसी केंद्र के नाम से एक साइट तैयार कर इस के जरिए ग्राहकों को संदेश भेज रहे हैं कि वे घर बैठे ही केवाइसी का वेरीफिकेशन कराएं। इसके जरिए उनके द्वारा उपभोक्ताओं से तमाम तरह की जानकारियां हासिल कर उनके खाते से राशि की की हेराफेरी कर रहे हैं। हालांकि बैंक प्रबंधन अभी इसका खुलासा करने को तैयार नहीं है कि इस साइट व पोर्टल की जालसाजी में कितने उपभोक्ता ट्रैप हो चुके हैं लेकिन बैंक के उच्चाधिकारी यह जरूर कह रहे हैं कि यह खतरनाक है। ग्राहकों को किसी भी सूरत में इससे बचने की जरूरत है।

------------------

बैक प्रबंधन ग्राहकों को दे रहा साइटों की जानकारी

बैंक प्रबंधन अपने ग्राहकों को ऐसे ट्रैप से बचाने के लिए हर तरह का कदम उठा रही है। बैंक अपने ग्राहकों को यह बता रही है कि एसबीआइ का कोई भी साइट एट द रेट ऑफ एसबीआइ डॉट को डॉट इन से खत्म होता है। इतना ही नहीं, बैंक यह भी बता रही है कि किसी भी सूरत में बैंक अपने ग्राहकों से ऑनलाइन इस तरह की जानकारी नहीं मांगती है। जानकारी के लिए या तो ग्राहकों को बैंक बुलाया जाता है या फिर योनो एप पर दिए गए ओटीपी के जरिए ही जानकारी ली जाती है। बैंक प्रबंधक ग्राहकों को आगाह कर रही है कि वे किसी भी सूरत में बैंक खाता, आधार नंबर समेत अन्य गोपनीय जानकारी किसी से शेयर नहीं करें अन्यथा इसकी वजह से धोखा हो सकता है। ऐसी किसी भी तरह की जानकारी मांगें जाने पर सीधा बैंक में जाकर संबंधित अधिकारी से संपर्क करें।

----------------

वर्जन

फेक साइट तैयार कर बैंक ग्राहकों से उनका आधार नंबर समेत कई तरह की जानकारियां हासिल कर साइबर क्रिमिनल ठगी का नया जरिया इजाद किए हैं। ग्राहकों को इससे न सिर्फ सावधान रहने की जरूरत है, बल्कि अपने सगे-संबंधियों को भी इससे आगाह करने की आवश्यकता है। बैंक की ओर से भी ग्राहकों को तमाम जानकारियां देकर जागरूक किया जा रहा है।

पंकज कुमार झा, क्षेत्रीय प्रबंधक, एसबीआइ, देवघर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK