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साहित्य से ही होता दृष्टिकोण का निर्माण

देवघर : शिनवार को 18 वां देवघर पुस्तक मेला के उद्घाटन पद्मश्री अशोक भगत ने किया। उन्हों

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 11:05 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 11:05 AM (IST)
साहित्य से ही होता दृष्टिकोण का निर्माण
साहित्य से ही होता दृष्टिकोण का निर्माण

देवघर : शिनवार को 18 वां देवघर पुस्तक मेला के उद्घाटन पद्मश्री अशोक भगत ने किया। उन्होंने कहा कि गांधी आज भी प्रासंगिक हैं। गांधी का रास्ता ही भारत है। प्रतिष्ठा का केंद्र बदलना चाहिए। समाज में ईमानदार लोग आगे आएं, समाज को अपनी ताकत व पहचान समझनी होगी। सरकार इनसे संचालित हो। क्योंकि समाज एवं सरकार एक दूसरे के पूरक हों। कहा कि समाज का मुख्यधारा आदिवासी समाज ही है। सनातन संस्कृति का मूल उनके पास है। साहित्य से ही दृष्टिकोण का निर्माण होता है। पुस्तक को सच्चा साथी बताते कहा कि मोबाइल, वेबसाइट या गूगल साहित्य की सत्यता नहीं बता सकता। कर्मो से उपजा ज्ञान शाश्वत होता है। क्योंकि ज्ञान अंदर से उपजता है, पढ़ने लिखने से नहीं आता। जंगल के दावेदार उपन्यास पढ़कर कानपुर से झारखंड आकर उनके जीवन शैली को ना सिर्फ देखा बल्कि आदिवासी जीवन पद्धति जीकर बिताया। मुख्य अतिथि गांधीवादी डॉ. रामजी ¨सह ने कहा कि गांधी देश का बंटवारा नहीं चाहते थे। लेकिन लोग उन पर आधारहीन आरोप लगाते हैं। उनको गांधी की विवशता पढ़नी चाहिए। गांधी निíभक होकर अपनी कमियों को स्वीकारने का साहस रखते थे। इसलिए लोगों को कुछ भी कहने से पहले आधार खोजना चाहिए, प्रमाण रखना चाहिए। गांधी के विचारों को विस्तार से रखने के साथ साथ गांधी के आलोचकों को भी मंच से जवाब दिया।

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विशिष्ट अतिथि केएन झा ने कहा कि पुस्तक संस्कार देता है। दूसरी भाषा को जोड़ने से ही ¨हदी समृद्ध होगी। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि केवल सूचना एकत्रित करना ही अंत नहीं सूचनाओं से ज्ञान अíजत करना जरूरी है। जम्मू के स्क्वाड्रन लीडर अनिल सहगल ने कहा कि वायुसेना में रहते हुए भी पुस्तकों से जुड़ा रहा, यह मेरे जीवन का आदर्श है। संगीतज्ञ सीमा सहगल ने कहा कि पुस्तक अतीत से वर्तमान को जोड़ता व भविष्य उज्जवल करता है। समारोह को कुलपति प्रो. मनोरंजन सिन्हा, प्रो. तनुजा मजूमदार ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण एसपी ¨सह, पुस्तक मेला की यात्रा पर शांति निकेतन के प्राध्यापक डॉ. सुभाष राय ने प्रकाश डाला। मंच पर अध्यक्ष युधिष्ठर राय, मोती लाल द्वारी, प्रो.रामनंदन ¨सह, प्राचार्य बसंत कुमार गुप्ता, केंद्रीय विद्यालय के पदाधिकारी उदय खवाड़े, डॉ. संजय, रीता चौरसिया समेत अन्य मौजूद थे। इन्हें मिला सम्मान

जम्मू के स्क्वाड्रन लीडर अनिल सहगल को साहित्य सेवी सम्मान। प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी कोलकाता के डीन प्रो. तनुजा मजूमदार को भाषा सेतु सम्मान एवं दूरदर्शन एवं आकाशवाणी की राष्ट्रीय संगीतज्ञ सीमा अनिल सहगल को नटराज सम्मान से अलंकृत किया गया। गोड्डा की लेखिका किरण हांसदा की काव्य पुस्तक आंचल का लोकार्पण अतिथियों ने किया। मंच का संचालन रामसेवक गुंजन ने किया। उपायुक्त ने पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।


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