देवघर में युवक की हत्या में दंपती को सजा
देवघर : युवक राजेश्वर की पीट-पीटकर हत्या करने के एक मामले में अभियोजन व बचाव पक्ष की बह
देवघर : युवक राजेश्वर की पीट-पीटकर हत्या करने के एक मामले में अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस और गवाहों के बयान सुनने के बाद जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) विजय कुमार की अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। हत्या के इस चर्चित मामले में मोहनपुर थाना क्षेत्र के बाघमारी निवासी मटरू दास (40) को सश्रम आजीवन कारावास की सजा दी। साथ ही 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर एक वर्ष सामान्य कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसी मामले में पत्नी प्रमिला देवी (35) को दोषी करार दे सात वर्ष सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये का अर्थदंड दिया गया। जुर्माना न देने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोनों पक्ष मोहनपुर थाना क्षेत्र के बाघमारी गांव के निवासी हैं। करीब दस वर्ष बाद यह महत्वपूर्ण फैसला आया।
मृतक राजेश्वर दास की पत्नी फूलमणि देवी ने दंपती पर पति की पीट-पीटकर हत्या करने की प्राथमिकी मोहनपुर थाना में दर्ज कराई थी। घटना 8 अक्टूबर 2008 की है। फूलमणि ने कहा था कि राजेश्वर मोहनपुर हाट से घर वापस आ रहा था। तभी पड़ोस के ही दो लोगों ने उसे बातचीत में उसे उलझा लिया। इस बीच दंपती ने उसे अपने घर खाने पर बुलाया। राजेश्वर ने उनके घर खाना खाने के लिए जाने से इन्कार कर दिया। यही बात विवाद का कारण बन गई। पति को आरोपितों ने टांगी और लाठी से पीटा। गर्दन पर टांगी पर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। राजेश्वर की घटनास्थल पर मौत हो गई। बीच बचाव करने गई फूलमणि पर जान से मारने की मंशा से हमला किया। उसे भी गंभीर चोट लगी। उसका इलाज स्थानीय अस्पताल में कराया गया था। इस मामले के अन्य आरोपित नरेश दास (40), पंचानंद दास (40) को संदेह का लाभ देकर रिहा कर दिया गया। जबकि एक अन्य 18 वर्षीय युवक को उस समय किशोरावस्था होने के कारण मामले से अलग किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाहों ने घटना की पुष्टि की है। अभियोजन पक्ष की ओर से ब्रह्मादेव पांडेय तथा बचाव पक्ष की ओर से गोपाल शर्मा ने पैरवी की। घटना सूचक के घर से डेढ़ सौ गज की दूरी पर मकई के खेत में घटी थी।