पुजहर टोला पहुंचने से पूर्व दम तोड़ देतीं योजनाएं
बालमुकुंद शर्मा संवाद सहयोगी मधुपुर (देवघर) प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर छोटा न
बालमुकुंद शर्मा, संवाद सहयोगी, मधुपुर (देवघर) : प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर, छोटा नारायणपुर गांव का पुजहर टोला। नवाबमोड़ से बुढ़ैई जानेवाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित कोल(पहाड़िया) जाति का यह टोला समस्याओं के मकड़जाल में फंसकर कराह रहा है।
50 घर की करीब 300 आबादी वाले टोला में मेहनत व मजदूरी इन लोगों का जीविकोपार्जन का मुख्य साधन है। विकास के नाम पर गांव में सिर्फ बिजली आई है, लेकिन सरकार की जनकल्याणकारी प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, उज्ज्वला योजना के लाभ से कोसों दूर है। गांव के चंद लोगों को वृद्धा पेंशन के अलावा राशन कार्ड का लाभ मिल रहा है।
आजादी के 74 साल व राज्य गठन के 19 साल बाद भी इस टोला में पक्की सड़क व नाली का निर्माण नहीं हो सका। पानी की किल्लत इस कदर परेशानी का सबब बना हुआ है कि महिलाओं को सालों भर एक किलोमीटर दूर से जोरिया व अन्य जलस्त्रोतों से लाने को मजबूर हैं। 70 वर्षीय मणी पहाड़िया, पत्नी कलावती देवी, लीलावती देवी( 65), अर्जुन पुजहर (70), सुदन पुजहर(65) वृद्धा पेंशन व लिलुआ देवी(70) विधवा पेंशन से वंचित है। ग्रामीण कहते हैं कि शौचालय निर्माण के लिए दो साल पूर्व चार से पांच जगहों पर सिर्फ गड्ढा कर दिया गया, लेकिन शौचालय नहीं बना। लोग आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
पानी की किल्लत के कारण आसपास के जोरिया व जलस्त्रोत में जाकर स्नान करते हैं। वर्षों पूर्व गाड़े गए दोनों चापाकल आठ महीने से खराब पड़ा है। इस गांव में कोई भी सरकारी पदाधिकारी, कर्मचारी अथवा नेता नहीं आते हैं। कोई सुध लेनेवाला नहीं
ग्रामीण जंगली पुजहर, विनोद पुजहर, सखी देवी, ललिता देवी का कहना है कि नेता लोग सिर्फ उन्हें आज तक वोट के रूप में इस्तेमाल करते रहे। उनकी बदहाली से रूबरू होने के लिए इस गांव में आज तक कोई भी विधायक, मंत्री, नेता नहीं आए। यही वजह है कि वह लोग अपने जनप्रतिनिधियों को सिर्फ नाम से जानते हैं। चेहरा कभी भी देखा नहीं। आज तक कोई भी पदाधिकारी या सरकारी कर्मचारी इस टोले में नहीं आए। ग्रामीणों की शिकायत है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ इसलिए नहीं मिल रहा है क्योंकि उन लोगों से एक आवास की स्वीकृति दिलाने के लिए पांच हजार रुपये की मांग की जाती है। भला इतनी बड़ी राशि मजदूरी करने वाला मजदूर कहां से दे सकता है। अधिकतर लोग निरक्षर
इस गांव के अधिकांश लोग निरक्षरता का कलंक का दंश झेल रहे हैं। तीन-चार लोग ही पांचवीं कक्षा तक पढ़े-लिखे हैं। एकमात्र महिला फेकनी देवी आठवीं पास है। उनके बच्चे गांव से कुछ ही दूरी पर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने जाते हैं। बबलू पुजहर, शिव पुजहर, सुशील पुजहर, रोहन पुजहर, सकरी देवी, सुंदरपति देवी, चरकी देवी ने जनप्रतिनिधियों, सरकारी मुलाजिमों से उनकी जन समस्याओं का समाधान करने की मांग करते हुए अविलंब खराब पड़े चापाकलों को दुरुस्त करने का आग्रह किया है। साथ ही सरकार द्वारा चलाए जा रहे जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने की मांग की है।
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पूजहर टोला का स्वयं दौरा कर ग्रामीणों की समस्या से अवगत होंगे। सरकार की तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को हर हाल में दिया जाएगा। लाभ नहीं मिलने के तमाम कारणों की समुचित जांच कराया जाएगा।
संजय कुमार सिन्हा, प्रखंड विकास पदाधिकारी, मधुपुर