भोल के भक्तों पर धूप का असर नहीं
देवघर : एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेला अपने अंतिम दौर में है। बावजूद इसके देवाधिदेव महादे
देवघर : एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेला अपने अंतिम दौर में है। बावजूद इसके देवाधिदेव महादेव के दरबार की रौनक वैसे ही बनी हुई, जैसे श्रावणी मेला शुरू होने के साथ देखने को मिली।
कतारबद्ध होकर कांवरियों की कतार निरंतर बाबा मंदिर के अंदर प्रवेश कर रही है दूसरे द्वार से बाहर निकल रही है। एक बार सुबह यह सिलसिला शुरू होता है कि यह पट बंद होने तक टूटता नहीं है। उधर मईया के दर्शन के लिए भी भक्त कतारबद्ध होकर आगे बढ़ रहे थे। मंदिर परिसर में भी चारों ओर कांवरिया ही नजर आ रहे थे। प्रदोष होने के कारण सायंकाल स्थानीय लोगों की भी बड़ी भीड़ बाबा को जलार्पण के लिए पहुंची थी। कई बाह्य अरघा से कई ने मुख्य कतार में लगकर बाबा का जलार्पण किया। श्रावणी मेला के 27वें दिन शनिवार को विशेष पूजा के बाद सुबह चार बजे जलार्पण शुरू हुआ और बोल बम के जयकारे के साथ भक्त बाबा मंदिर की ओर बढ़ने लगे। हालांकि राहत यह रही कि इस समय तक भक्तों की कतार बीएड कॉलेज तक पहुंची थी तथा भक्तों के कतारबद्ध होने का सिलसिला जारी रहा। लेकिन तकरीबन तीन घंटे बाद ही यह कतार बीएड कॉलेज बाद तिवारी चौक से सिमटकर जलसार मोड़ तक पहुंच गई थी। इसके बाद मन¨सघी तक पहुंची तो यही से भक्तों के कतारबद्ध होने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। कांवरियों का दबाव कम होने के कारण काफी सहूलियत रही। वहीं दूसरी तरफ शनिवार को चिलचिलाती धूप इस तरह थी कि मानो सूर्य देव भक्तों की परीक्षा ले रहे हों। लेकिन शिव भक्ति में डूबे कांवरियों पर इसका असर नहीं दिख रहा था, वह अपनी मंजिल की ओर लगातार बढ़ रहे थे।