बांस पर टंगी मौत पर घबराई जिंदगी
सारठ (देवघर): बिजली व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर सरकार कई योजनाएं चला रही है। वहीं
सारठ (देवघर): बिजली व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर सरकार कई योजनाएं चला रही है। वहीं विभाग द्वारा जर्जर तार व पोल बदलने के नाम पर लाखों खर्च किया जा रहा है। लेकिन प्रखंड मुख्यालय के 50 घरों के लोग आज भी जान जोखिम में डालकर बांस के सहारे बिजली जलाने को मजबूर हैं।
विद्युत अवर प्रमंडल कार्यालय, सारठ से महज 500 मीटर कि दूरी पर सारठ घीयाबाद में ये स्थिति है। सारठ के बाइपास पटेल रोड घीयाबाद में 50 घरों की आबादी है। इन घरों में विभाग द्वारा बिजली कनेक्शन तो दिया गया है, लेकिन अब तक एक भी बिजली का पोल नहीं लगाया गया है। पिछले कई वर्षों से ग्रामीण मेन लाइन से उक्त टोला के दोनों गली में लगभग दो हजार मीटर तक बांस गाड़कर बिजली जला रहे हैं। आंधी व बारिश में कई बार बांस गिरने से जान माल पर खतरा बना रहता है। कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों से की। वहीं कृषि मंत्री रणधीर ¨सह से भी लिखित शिकायत की। मगर इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे यहां कभी भी कोई बड़ी हादसा हो सकता है।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के तहत लोगों को घर-घर बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है। लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सारठ मुख्यालय के लोग बिजली के समुचित व्यवस्था से वंचित है। ग्रामीण वीरेंद्र तिवारी, कामदेव पंडित, सुमित्रा देवी, देवकी देवी, रीता देवी, रवि ओझा, अफसाना बीबी, सुकदेव मंडल, सजबुन बीबी, चंपा देवी, जुबेदा बीबी, रधिया देवी, अजमेरी बीबी, बेबियन देवी, कौशल्या देवी आदि ने कहा कि पिछले पांच साल से बांस के सहारे बिजली जला रहे हैं। उक्त टोला के तीन दर्जन लोगों ने बिजली का कनेक्शन भी ले रखा है। बावजूद बिजली का पोल व तार नहीं लगाया गया है। जिससे हर समय लोगों में जान का खतरा बना रहता है।