समस्याओं के भंवर में फंसे ग्रामीणों को मसीहा का इंतजार
कोयलांचल के ताराबाद का संताल व कोल टोला समस्याओं के भंवर में फंसा हुआ है। इससे उबारने वाला उन्हें कोई नजर नहीं आता है। इन दोनों टोले की आबादी लगभग पांच सौ के करीब है।
चितरा : कोयलांचल के ताराबाद का संताल व कोल टोला समस्याओं के भंवर में फंसा हुआ है। इससे उबारने वाला उन्हें कोई नजर नहीं आता है। इन दोनों टोले की आबादी लगभग पांच सौ के करीब है। यहां जमाने से आवागमन के लिए कच्ची सड़क है। बारिश के दिनों में यहां की सड़कों पर नंगे पांव ही चला जा सकता है। चप्पल पहनकर आवाजाही करना बेहद कठिन है। साइकिल व बाइक की सवारी बारिश में धूप के दिनों में ही संभव हो सकता अन्यथा नहीं। इन्हीं दिनों कच्ची सड़कों पर ट्रैक्टर के परिचालन से खस्ताहाल हो जाता है। वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, पीएम आवास, खाद्य सुरक्षा के तहत राशन कार्ड आदि सुविधाएं यहां के लोगों को समुचित रूप से उपलब्ध नहीं है। सरकारी योजनाओं का लाभ हासिल करने के लिए पालोजोरी प्रखंड प्रमुख सीताराम टुडू को कोल टोला में बंधक भी बनाया गया था। कृषि मंत्री रणधीर सिंह को भी राशन कार्ड संबंधित समस्याओं से अवगत कराया गया। उनके निर्देश पर यह समस्या कुछ तक कुछ हद तक अवश्य सुलझी । लेकिन अनेक जरूरतमंदों को आज भी राशन कार्ड और पीएम आवास हासिल नहीं है। सबसे बड़ी समस्या सड़क के पीसीसीकरण की है। इस संबंध में आशा मरांडी, फूल कुमारी टुडू, मंजोदी मुर्मू, सोनामुनी सोरेन, संगीता सोरेन समेत अन्य महिलाओं का कहना है कि कई माह पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने गांव की गलियों का पीसीसीकरण के लिए आधारशिला रखी। यहां से टेंगेबेड़ा जाने के लिए सड़क निर्माण के लिए शिलान्यास किया। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।