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बिजली की अनियमित विद्युत आपूर्ति से हाल-बेहाल

मौसम के बदलते मिजाज के बीच मधुपुर में अचानक विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। इस दौरान गुरुवार की शाम तक निर्बाध रूप से मात्र आठ घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो सकी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 06:43 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 06:37 AM (IST)
बिजली की अनियमित विद्युत आपूर्ति से हाल-बेहाल
बिजली की अनियमित विद्युत आपूर्ति से हाल-बेहाल

मधुपुर : मौसम के बदलते मिजाज के बीच मधुपुर में अचानक विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। इस दौरान गुरुवार की शाम तक निर्बाध रूप से मात्र आठ घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो सकी है। विद्युत आपूर्ति में लोकल फॉल्ट नासूर बन चुका है। मामूली लोकल फॉल्ट के कारण पांच से 10 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहना सिस्टम की खामियों को उजागर कर दिया है। यह दीगर बात है कि बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली की चमक और तेज हवा चलने से मधुपुर में घंटों आपूर्ति बाधित रहना पुराने घाव को ताजा कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि 10 फरवरी 2016 को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मधुपुर विद्युत ग्रिड का उद्घाटन किया था। शुरुआती दौर में 24 घंटे में करीब 16 घंटे बिजली की आपूर्ति होने लगी। लेकिन गर्मी के दिनों में बिजली रानी ने रुलाने का काम किया। अब जबकि सरकार के घोषणा के अनुसार विद्युत आपूर्ति करीब 18 से 20 घंटे कुछ दिनों से चल रही थी तो अचानक बुधवार की रात एक बजे से विद्युत ग्रिड को डीवीसी ने 20 मेगा वाट की जगह मात्र 7 से 10 मेगा वाट ही सप्लाई देना शुरू कर दिया है। जिस कारण 5 घंटे बाद एक घंटा शहरी क्षेत्र एवं एक घंटा ग्रामीण क्षेत्रों को आपूर्ति मिलनी शुरू हुई। यही स्थिति गुरुवार की सुबह 10 बजे तक चलता रहा। अब जबकि दोपहर बाद विद्युत ग्रिड को फुल लोड यानी आपूर्ति के अनुरूप डीवीसी से पावर मिलने लगा तो लोकल फॉल्ट के कारण बिजली की आंख मिचौली समाचार लिखे जाने तक जारी थी। जानकर ताज्जुब होगा कि लोकल फॉल्ट किस कदर एक विकराल समस्या बनी हुई है क्योंकि गुरुवार की सुबह 7 बजे से लेकर शाम 5 बजे के बीच अनगिनत बार ट्रिपिग हुई है। जबकि श्रम मंत्री राज पलिवार ने 11 करोड़ की लागत से शहरी क्षेत्र के तमाम जर्जर विद्युत तार, पोल, एबी स्वीच एवं ट्रांसफार्मर को बदलवाने का काम किया। बावजूद इसके अचानक स्थिति पुरानी जैसी हो जाती है। इससे स्पष्ट होता है कि विभागीय पदाधिकारी निर्बाध विद्युत आपूर्ति के प्रति संवेदनशील नहीं हैं। मधुपुर को निर्बाध आपूर्ति के लिए 20 मेगावाट बिजली की जरूरत है। मधुपुर के पहाड़पुर में स्थित 132 केवीए के विद्युत ग्रिड में दो 50-50 एमबीए का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है जो कि 50 मेगावाट विद्युत कंज्यूम करने की क्षमता रखता है।

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