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Shravani Mela: बाबा नगरी में घुसते ही भक्तिभाव का होगा अहसास Deoghar News

Shravani Mela. बाबाधाम पहुंचने के बाद श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण करने से पूर्व शिवगंगा में स्नान करते हैं। श्रद्धालुओं को स्नान करने के दौरान शिवगंगा तट स्वच्छ किया जा रहा है।

By Edited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 01:19 PM (IST)
Shravani Mela: बाबा नगरी में घुसते ही भक्तिभाव का होगा अहसास Deoghar News
Shravani Mela: बाबा नगरी में घुसते ही भक्तिभाव का होगा अहसास Deoghar News

देवघर। नगर निगम बाबाधाम में जलार्पण के लिए आने वाले कांवड़ियों को बेहतर से बेहतर सुविधा देने को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। निगम 105 किलोमीटर के लंबी व थकान भरी यात्रा को पूरा कर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को पेयजल, साफ-सफाई, आकर्षक विद्युत व्यवस्था, भक्तिभाव का माहौल पैदा करने को लेकर भी विशेष व्यवस्था कर रहा है। निगम क्षेत्र में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को सुखद अनुभूति मिले, इसका भी खास ख्याल रखा गया है। रात में मेला क्षेत्र के तमाम रास्ते में पड़ने वाले पोल को आकर्षक लाइट से सजाया गया है।

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शिव मंत्रों से पटा रहेगा शिवगंगा तट
बाबाधाम पहुंचने के बाद श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण करने से पूर्व शिवगंगा में स्नान करते हैं। श्रद्धालुओं को स्नान करने के दौरान शिवगंगा तट पूरी तरह स्वच्छ किया जा रहा है। पूरे शिवगंगा के चारों ओर केसरिया रंग से पुताई कराई गई है। वहीं नगर निगम श्राइन बोर्ड की मदद से पूरे तट पर शिव मंत्रों को लिखा जाएगा। इस बार शिवगंगा तट को पूरी से प्राइवेट विज्ञान से मुक्त रखा जाएगा। महिला श्रद्धालुओं के लिए शिवगंगा तट पर चें¨जग रुम को और अधिक बेहतर बनाया जा रहा है।

24 गुणा 7 के तर्ज पर 24 ट्रैक्टर व 45 टीपर से होगी सफाई
मेला क्षेत्र में इस वर्ष सफाई को लेकर विशेष तैयारी की गई है। कांवरियों को मेला क्षेत्र में कहीं भी पांच मिनट से अधिक समय तक गंदगी पर नजर नहीं पड़ेगी। निगम क्षेत्र को आठ जोन में बांटकर सफाई का कार्य कराया जाएगा। प्रत्येक जोन में तीन पालियों में सफाई कार्य कराया जाएगा। जो 24 गुणा 7 दिनों के तर्ज पर काम करेगा। सभी जोन के लिए 70 वार्ड जमादारों को प्रतिनियुक्त किया गया है। वहीं सफाई कार्य के लिए 24 ट्रैक्टर व 45 टीपर की मदद ली जाएगी। वहीं रुटलाइ¨नग में चलंत दस्ता की भी मदद ली जाएगी। रूट लाइनिंग को 17 जगहों को चिन्हित किया गया है। जहां सौ-दो सौ मीटर की दूरी पर प्लास्टिक से बने सामानों को तुरंत उठाकर बोरी में रखेगा। मेला क्षेत्र में सफाई काम के लिए 170 कर्मियों की मदद ली जाएगी। वहीं, कचरा को उठाव करने के बाद उसे सीधे पछियारी कोठिया स्थित प्लांट में जमा कराया जाएगा।

चकाचौंध लाइट से होगा कांवड़ियों का स्वागत
बाहर से अपने निजी वाहनों से रात में आने वाले श्रद्धालुओं को देवघर सीमा में प्रवेश करते ही चकाचौंध लाइट से स्वागत किया जाएगा। वहीं शहर में जगह-जगह पर स्पाइरल लाइट आकर्षक को केंद्र होगा। कांवड़िया पथ, बाबा मंदिर, कांवड़ियों के ठहरे का स्थान सहित अन्य स्थानों पर लाइ¨टग की व्यापक व्यवस्था की जाएगी।

रूटलाइन में पानी का पुख्ता इंतजाम
श्रावणी मेला के दौरान कांवरियों के लिए पेयजल का पुख्ता इंतजाम किया गया है। निगम की ओर से रूट लाइनिंग में 35 स्थानों पर प्याऊ (स्टैंड पोस्ट) की व्यवस्था की गई है। पूरे मेला के दौरान 24 गुणा 7 दिन पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा पुलिस आवासन सहित श्रद्धालुओं के विश्रामस्थल (पंडाल) में जलापूर्ति का खास इंतजाम किया गया है। स्नानघर, शौचालय आदि स्थानों पर नियमित रुप से जलापूर्ति की जाएगी। आवश्यकतानुसार टैंकर से भी पानी को संबंधित स्थान तक पहुंचाया जाएगा।

प्रभारियों के कांधे पर सौंपी गई जिम्मेदारी
श्रावणी मेला का बेहतर तरह से संचालन और श्रद्धालुओं के बेहतर से बेहतर सुविधा मुहैया कराने को लेकर विभाग की ओर से अलग-अलग कार्यों का बंटवारा कर अधिकारियों को प्रभार दिया गया है। हालांकि पूरे सावन मेला के दौरान निगम के कार्यपालक अभियंता रविन्द्र नाथ पांडेय को वरीय प्रभारी बनाया गया है, जो जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर मेला के सफल संचालन की दिशा में कार्य करेंगे। वहीं कार्यपालक अभियंता मोतीलाल ¨पगुआ को जलापूर्ति विभाग का वरीय प्रभार सौंपा गया है। वहीं सफाई का वरीय प्रभार नगर प्रबंधक प्रकाश मिश्रा को सौंपा गया है। वहीं नगर प्रबंधक कुमारी प्रियंका को आठों जोन सहित नियंत्रण कक्ष का वरीय प्रभारी बनाया गया है। विद्युत को लेकर कनीय अभियंता अनिल कुमार को वरीय प्रभार सौंपा गया है। इसके अलावा अजय कुमार को देवघर निगम क्षेत्र व गोपाल को जसीडीह निगम क्षेत्र का सफाई के लिए प्रभारी पदाधिकारी बनाया गया है। जबकि सहायक अभियंता समीर सिन्हा को मेला क्षेत्र में जलापूर्ति को लेकर प्रभारी पदाधिकारी का भार सौंपा गया है।

मृत जानवर के लिए क्यूआरटी का गठन
श्रावणी मेला के दौरान कहीं भी मृत जानवर को हटाने के लिए क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) का गठन किया जाएगा। टीम ऐसी किसी भी तरह की सूचना मिलते ही हरकत में आ जाएगी और उस स्थान पर पहुंचकर मृत जानवर को हटाने का काम करेगी। अक्सर देखा जाता है कि किसी कारण के छोटे-बड़े जानवरों की मौत सड़क या भीड़भाड़ वाले इलाके में हो जाती है। ऐसे में टीम की ओर त्वरित कार्रवाई इस तरह की समस्या से बचा जा सकेगा और बदबू को फैलने से पहले रोक दिया जाएगा।

थर्मोकोल व प्लास्टिक से सामान बेचने पर होगी कार्रवाई
श्रावणी मेला के दौरान प्लास्टिक व थर्मोकोल से बने सामानों पर पूर्णत रोक लगा दिया गया है। निगम इसको लेकर सख्त निर्देश जारी कर चुकी है। थर्मोकोल से बने सामानों को बेचने वाले स्थायी और अस्थायी दुकानदारों के खिलाफ नगर पालिका एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं कांवरिया पथ से लेकर शहर में भी अस्थायी व स्थानी दुकानदारों को प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा स्वयं सेवी संस्था के लोग सहित स्थानीय लोगों द्वारा कतारबद्ध कांवरियों की सेवा की जाती है। अक्सर उनके द्वारा एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक ग्लास का प्रयोग किया जाएगा। निगम ऐसे संस्था और स्थानीय लोगों को इसका इस्तेमाल नहीं करने की अपील की गई है।

एक कॉल से होगा समस्या का समाधान
मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं सहित आवासन स्थल पर किसी तरह की परेशानी का तुरंत समाधान किया जाएगा। इसके लिए निगम कार्यालय में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। जो 24 गुणा 7 दिनों के तर्ज पर काम करेगी। नियंत्रण कक्ष को फोन करने के बाद तुरंत संबंधित पदाधिकारी या कर्मी तक सूचना पहुंचा दिया जाएगा। सूचना मिलते ही समस्या का समाधान निकाला लिया जाएगा। जल्द ही निगम की ओर से एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा। नियंत्रण कक्ष से साफ-सफाई, पानी, पथ प्रकाश, जलापूर्ति सहित अन्य निगम से संबंधित समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।

नगर आयुक्त अशोक कुमार के मुताबिक, श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं को निगम की ओर से पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। गंदगी को लेकर विभाग पूरी तरह से फोकस है। पांच मिनट से अधिक समय तक रुट लाइनिंग में कहीं भी गंदगी नजर नहीं आएगी। ऐसा इंतजाम किया गया है। इसके अलावा जलापूर्ति, लाइटिंग की भी बेहतर इंतजाम किया गया है।


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