द्वादश ज्योतिर्लिंगों में देवघर के बाबा बैद्यनाथ शामिल नहीं
कहा गया है कि परली बैद्यनाथ 12 ज्योतिर्लिग में नहीं है। इसका प्रमाण शंकराचार्य के श्लोक से मिलता है।
देवघर, [जागरण संवाददाता] । मध्यप्रदेश सरकार व महाकाल मंदिर प्रबंधन की ओर से 5 से 7 जनवरी तक आयोजित शैव महोत्सव-2018 में बांटी गई बुकलेट में शामिल किए गए बारह ज्योतिर्लिगों में देवघर के बाबा बैद्यनाथ को शामिल नहीं किया गया है। इसमें परली बैद्यनाथ को शामिल किया गया है।
देवघर के बाबा धाम का जिक्र नहीं होने का विरोध यहां के तीर्थ पुरोहितों ने किया है। रविवार को शिवगंगा तट स्थित भारती पुस्तकालय में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की बैठक भी हुई। महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुर्लभ मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में महोत्सव पर चर्चा की गई। कहा गया कि महाकाल मंदिर प्रबंधन की ओर से बांटी गई बुकलेट में बाबा बैद्यनाथ के स्थान पर महाराष्ट्र के परली बैद्यनाथ को दर्शाया गया।
महासभा के पदाधिकारियों का कहना है कि पुरातत्व विभाग की ओर से पूर्व में महाकाल मंदिर में हुई खुदाई में मिले शिलापट्ट में स्पष्ट रूप से तत्कालीन बिहार प्रांत का जिक्र करने के साथ चिता भूमि बाबा बैद्यनाथ का नाम अंकित है। शिलापट्ट में जिक्र होने के बावजूद मध्यप्रदेश सरकार व महाकाल मंदिर प्रबंधन ने बाबा बैद्यनाथ के स्थान पर परली बैद्यनाथ को शामिल किया। इसका तीर्थ पुरोहित समाज खुलकर विरोध करता है। महोत्सव के अध्यक्ष के समक्ष लिखित विरोध दर्ज कराया है।
कहा गया है कि परली बैद्यनाथ 12 ज्योतिर्लिग में नहीं है। इसका प्रमाण शंकराचार्य के श्लोक से मिलता है। देवघर के तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद महाकाल मंदिर प्रबंधन ने विद्वत जनों से परामर्श कर अगला निर्णय लेने की बात कही है। बैठक में इस मसले को लेकर धर्माचार्यो से विचार-विमर्श होगा। महासभा ने मामले को लेकर कोर्ट में भी जाने का संकेत दिया। महासभा के महामंत्री विनोद दत्त द्वारी, गोपाल महाराज, गौरन महाराज, पन्नालाल मिश्र, मणिलाल अड़ेवाल, मार्कंडेय फलाहारी आदि थे।