बाबा बैद्यनाथ के महाश्रृंगार का दर्शन कर अभिभूत हुए भक्त
देवघर अक्षय तृतीय पर मंगलवार को बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं का अ
देवघर : अक्षय तृतीय पर मंगलवार को बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। यह सिलसिला दिन भर चलता ही रहा। तपती धूप व गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई और ये लोग कतारबद्ध होकर जलाभिषेक करते रहे। कई श्रद्धालुओं के द्वारा अक्षय तृतीया के मौके पर धार्मिक अनुष्ठान भी कराया गया। मौके पर कई पुरोहित व भक्तों ने घट दान किया। कई श्रद्धालुओं की ओर से मंदिर परिसर व इसके आसपास शर्बत व पेयजल की व्यवस्था की गई थी। इससे इतर मंदिर प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए शीतल पेयजल की व्यवस्था की गई थी। अक्षय तृतीय के मद्देनजर मंदिर प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद की गई थी।
अक्षय तृतीया पर बिका सोने व चांदी का सिक्का: अक्षय तृतीया के मौके पर मंदिर प्रबंधन की ओर से सोने व चांदी का सिक्का बतौर प्रसाद बेचने की व्यवस्था की गई गई थी। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक सोने-चांदी के सिक्कों की बिक्री देर शाम तक जारी रही।
पंडा धर्मरक्षिणी महासभा ने की पार्थिव शिवलिग की पूजा: पंडा धर्मरक्षिणी महासभा की ओर से अक्षय तृतीया पर जगत कल्याण के लिए पार्थिव शिवलिग की पूजा की गई। इस मौके पर मंदिर परिसर में बतौर यजमान महासभा के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर, प्रो.विद्याधर के द्वारा पूजा अर्चना कराई गई। 51 वैदिकों के द्वारा बाबा का महारूद्राभिषेक भी कराया गया। इसमें दूध, घी, गन्ने का रस, मधु व गुड़ से बाबा का अभिषेक किया गया। पार्थिव शिवलिग की पूजा में राकेश झा, बऊआ सरेवा, श्रीराम, हरेकृष्ण, लघु परिहस्त, कपिलदेव मिश्र समेत कई पुरोहित शामिल थे, जबकि पंडा धर्मरक्षिणी महासभा की ओर से उपाध्यक्ष संजय मिश्र, मनोज मिश्र, प्रभात चरण मिश्र, शंकर सरेवाल, मंत्री अरुणानंद झा आदि मौजूद थे।
सरदार पंडा ने किया बाबा का महाश्रृंगार: अक्षय तृतीया के मौके पर मंगलवार को बैद्यनाथ मंदिर के सरदार पंडा गुलाबनंद ओझा की अगुवाई में शाम में बाबा का भव्य महाश्रृंगार किया गया। इस दौरान बाबा को सभी तीर्थधाम व समुद्र से लाए गए सह्रस्त्र जल से शुक्ल यर्जुवेद के पांचवें अध्याय के 16 मंत्रों के जाप के बीच स्नान कराया गया। इसके उपरांत बाबा पर फूलेल अर्पित की गई। चंदन का लेप, बेल की लकड़ी का चंदन यानि घाम चंदन का लेप बाबा को लगाया गया। वृहत महाश्रृंगार के उपरांत सज्जा-दान का अनुष्ठान कर बाबा को यहां सुलाने की व्यवस्था की गई। सज्जा दान के दौरान बाबा को सोने के लिए लकड़ी का पलंग, गद्दा, तकिया व चादर, मच्छरदानी व छतरी की व्यवस्था की गई थी। यह पलंग बाबा मंदिर के मंझला खंड में रखा गया जिसे बुधवार की सुबह कांचा जल के साथ बाहर निकाल लिया जाएगा। बैद्यनाथ मंदिर परिसर के सभी 22 मंदिरों पर भंडारियों के माध्यम से ध्वजारोहण कराने की भी परंपरा का भी निर्वहन किया गया जो सरदार पंडा के स्तर से ही कराने की परंपरा रही है। महाश्रृंगार के दौरान बाबा को 56 भोग भी लगाया जाएगा। मौके पर मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाश्रृंगार का दर्शन करने के लिए मौजूद थे।
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