सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज की मौत, बिना जांच कराए शव को ले गए परिजन
युवक जसीडीह का रहने वाला था। गांव में ही उसके शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। परिजनों ने बताया कि युवक को पूर्व में भी सांस लेने में तकलीफ होती रहती थी।
जागरण संवाददाता, देवघर: सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराए गए 36 वर्षीय एक युवक की मौत शनिवार की सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर हो गई। बताया जाता है कि उसे सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत पर शुक्रवार की दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर अस्पताल लाया गया था। जांच के बाद मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया गया था। युवक जसीडीह का रहने वाला था। गांव में ही उसके शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
अस्पताल का तर्क, परिजनों ने जांच से किया इंकार: इधर, शनिवार की सुबह युवक की मौत के बाद परिजन शव को बिना जांच कराए ही घर ले गए। मामले में अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि परिजन जांच को तैयार नहीं थे, जबकि विभाग की ओर से यह स्पष्ट निर्देश है कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों की मौत के बाद उसके शव की भी जांच कराई जानी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उसमें कोरोना के लक्षण थे भी या नहीं। हालांकि इस केस में ऐसा नहीं हुआ।
इस बाबत उपाधीक्षक डॉ. एसके मेहरोत्रा ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ होने पर युवक को भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि सांस लेने में तकलीफ, सर्दी, बुखार या खांसी से संबंधित लक्षणों में मरीजों को सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से भी आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाता है। हालांकि मौत के बाद शव की जांच कराई जानी चाहिए थी, लेकिन परिजनों ने काफी समझाने के बाद भी जांच कराने से इंकार कर दिया और शव को लेकर चल गए। परिजनों ने बताया कि युवक को पूर्व में भी सांस लेने में तकलीफ होती रहती थी।
मृतक के परिजनों को कराया जाएगा क्वारंटाइन: इधर, सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार का कहना है कि मृत युवक के परिजनों को अब क्वारंटाइन किया जाएगा।