बगैर मान्यता 125 विद्यालय संचालित
देवघर : जिला शिक्षा अधीक्षक छट्टू विजय ¨सह के फरमान का कई निजी विद्यालय प्रबंधन पर कोई असर
देवघर : जिला शिक्षा अधीक्षक छट्टू विजय ¨सह के फरमान का कई निजी विद्यालय प्रबंधन पर कोई असर नहीं है। शायद यही कारण है कि आज भी तकरीबन सवा सौ विद्यालय जिले में बगैर किसी मान्यता के संचालित हैं। यही नहीं इन विद्यालय प्रबंधनों ने मान्यता के लिए प्रयास भी नहीं किया। इससे संबंधित डीएसई द्वारा दिशा निर्देश जारी किए किए हुए तीन माह से अधिक का समय बीत गया है। इस संबंध में डीएसई द्वारा जारी पत्र में यह भी चेतावनी दी गई थी कि मान्यता नहीं लेने वाले विद्यालयों में नामांकन बंद कर ताला लटका दिया जाएगा। लेकिन जो स्थिति है, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि डीएसई के इस फरमान को कोई असर नहीं है।
क्या है मामला : जिले में तकरीबन 211 निजी विद्यालय संचालित हैं। इसमें 35 विद्यालयों की मान्यता पूर्व से है। तीन माह पूर्व डीएसई ने एक पत्र जारी कर निजी विद्यालय प्रबंधन को मान्यता के लिए डीएसई कार्यालय में आवेदन करने का निर्देश दिया था। इस पत्र के साथ एक प्रपत्र भी दिया गया था, जिसके अनुसार निजी विद्यालय प्रबंधन को आवेदन के साथ जमीन संबंधित कागजात एनजीओ या ट्रस्ट के अधीन संचालित है तो उसका डीड, तीन साल का ऑडिट, शिक्षकों का बायोडाटा के अलावा बच्चों का आधार के साथ प्रबंधन को कार्यरत कर्मियों का चरित्र प्रमाण पत्र लिखकर देना था। इसके साथ ही विद्यालय के क्लास रूम व शौचालय के साथ अन्य आधारभूत सुविधाओं की तस्वीर भी देनी थी। इसके बाद डीएसई अपने स्तर से विद्यालयों की जांचकर कर मान्यता के लिए निदेशालय को अनुशंसा करते। लेकिन शिक्षा परियोजना कार्यालय, देवघर से मिली जानकारी के अनुसार इन तीन महीनों में महज 51 विद्यालयों ने ही मान्यता के लिए आवेदन दिया, जिसके आधार पर डीएसई ने जांच कर मान्यता के लिए निदेशालय से अनुशंसा भी की है। निदेशालय की ओर से वर्ग अष्टम तक की पढ़ाई के लिए मान्यता दी जाएगी। तकरीबन सवा सौ विद्यालयों ने अभी तक आवेदन नहीं दिया है। वहीं परियोजना कार्यालय ऐसे विद्यालयों के साथ क्या किया जाए, इसके लिए राज्य कार्यालय के दिशा निर्देश का इंतजार कर रहा है।